Fake Gold : पैसों की जरूरत बताकर असली की आड़ में नकली जेवरात बेचने का प्रयास

भोपाल। अरेरा हिल्स पुलिस ने नकली जेवरात को असली बताकर ठगी का प्रयास करने वाली महिला सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के पास से 150 साल पुराने चांदी के चार सिक्के, 3 सोने जड़े मोती बरामद किए गए, जो असली है। इसके अलावा करीब 2 किलो नकली सोने के मोती भी बरामद किए। आरोपी महिला उत्तराखंड और उसका एक साथी कानपुर का है। फिलहाल तीनों एक साथ गांधी नगर में रह रहे थे।
सोने का मोती दिया
पुलिस ने बताया कि अब्दुल हकीम खान (47) रातीबड़ के हैं। गुरुवार को वह एयरटेल तिराहे के पास अपने काम से आए थे। शाम करीब पांच बजे घर लौटते समय तिराहा पर उन्हें एक महिला और दो युवकों ने रोका। तीनों ने अब्दुल को बताया कि उनके पास पुराने सोने-चांदी के जेवरात हैं, जिन्हें वह रुपए की जरूरत होने के कारण सस्ते में बेच रहे हैं। अब्दुल ने जेवरात दिखाने का कहा तो उन्होंने चांदी का सिक्का और सोने का मोती दिया। अब्दुल यह जेवरात खरीदने के लिए तैयार हो गया। उन्होंने बताया कि उनके पास ज्यादा मोती रखे हैं। वह पूरे मोतियों को बेहद कम दामों पर बेच सकते हैं।
खरीदार ने शक होने पर पुिलस को सूचना दी
शंका होने पर अब्दुल ने उन्हें वहीं पर रुकने का कहा और पैसे लेने के बहाने पुलिस को घटना की जानकारी दी। पुलिस ने इलाके की घेराबंदी कर 2 घंटे की मशक्कत के बाद तीनों को हिरासत में ले लिया। तीनों की पहचान धर्मेंद्र राय उर्फ धर्मा सोलंकी (44) निवासी केसरिया घाट के पास, थाना रामादेवी जिला कानपुर उत्तर प्रदेश, किसनी देवी (40) निवासी थाना लालकुआं, जिला नैनीताल उत्तराखंड और शिवा सिलावट (32) निवासी गांधी नगर को गिरफ्तार किया गया है। फिलहाल तीनों एक साथ गांधी नगर में रह रहे थे। तलाशी लेने पर उनके पास रखे चांदी के 4 असली सिक्के (सभी 150 साल पुराने), असली सोने के 3 मोती और नकली सोने के मोती करीब दो किलोग्राम वजनी जब्त किए गए हैं।
आरोपी इस तरह करते थे वारदात
थाना प्रभारी जयहिंद शर्मा ने बताया कि आरोपियों ने नकली मोतियों पर पीतल की परत चढ़ाकर उन्हें असली सोने जैसा बना रखा था। वह इन्हीं नकली मोतियों के बीच असली मोती भी फंसाकर रखते थे। ग्राहक को फंसाने के लिए पूरी लड़ से एक मोती निकालकर दे देते, जो चैक करने पर असली सोने का निकलता। सौदा होने के बाद वह नकली मोती थमाकर गायब हो जाते। इसके पहले भी शहर में इस प्रकार की कई वारदात हो चुकी हैं, लेकिन आरोपी पुलिस की गिरफ्त में नहीं आ सके थे।
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