Farmer Suicide Attempt : किसान था जनसुनवाई से निराश, किया आत्महत्या का प्रयास

Farmer Suicide Attempt : किसान था जनसुनवाई से निराश, किया आत्महत्या का प्रयास
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किसान ने जनसुनवाई कक्ष के बाहर पीपल के पेड़ से लटक कर फांसी लगाने का प्रयास किया है। बताया जा रहा है कि ज़मीन विवाद को लेकर किसान जनसुनवाई में आया था, पर आवेदन लेने से इंकार कर देने के कारण किसान ने यह कदम उठाया है।

ग्वालियर। जिले में एक किसान के खुदकुशी के प्रयास का मामला सामने आ रहा है। किसान ने जनसुनवाई कक्ष के बाहर पीपल के पेड़ से लटक कर फांसी लगाने का प्रयास किया है। बताया जा रहा है कि ज़मीन विवाद को लेकर किसान जनसुनवाई में आया था, पर आवेदन लेने से इंकार कर देने के कारण किसान ने यह कदम उठाया है। यह भी कहा गया है कि किसान को सुनवाई कक्ष से बाहर कर दिया गया था। आत्महत्या के प्रयास के बाद किसान को एसडीएम के आदेश पर पुलिस थाने पहुंचा दिया गया।

और लटकने का करने लगा प्रयास

आज दिन में तहसील के जनसुनवाई कक्ष के बाहर एक किसान ने आत्महत्या का प्रयास किया है। जानकारी के अनुसार बाबूपुर के रहने वाले किसान कैलाश परिहार ज़मीन विवाद को लेकर एसडीएम के पास गुहार लगाने आया था। तब एसडीएम प्रखर सिंह ने किसान का आवेदन लेने से इनकार कर दिया। साथ ही उसे जनसुनवाई कक्ष से बाहर निकलवा दिया था। किसान इससे पहले भी इसी विवाद के संदर्भ में कई लोगों के पास गया था। किसान को जब फिर से इस तरह नकारा गया, तो उसने जनसुनवाई कक्ष के सामने लगे एक पीपल के पेड़ पर चढ़कर इपने अंगोछे से खुद को फांसी लगाने का प्रयास किया। पुलिस ने तुरंत किसान को फंदे से नीचे उतारा और एसडीएम के आदेश पर थाने लेकर गए।

क्या है ज़मीन विवाद

जिले के ही एक गांव जहां किसान रहता है, किसान की एक ज़मीन है। जिसपर खेती करके वह अपना जीवन यापन किया करता है। किसान की इस खेती की ज़मीन पर जाने के लिए जो रास्ता है उसपर दूसरे एक व्यक्ति ने कब्जा कर लिया है। रास्ते के इस 15 बीघा हिस्से को लेकर ही यह विवाद बढ़ा है। किसान का कहना है कि उनका यह रास्ता 100 साल पुराना है। इस बारे में किसान ने पहली बार जब पिछले तहसीलदार को आवेदन दिया था तो उनने आरोपी पर कार्रवाई करते हुए उसे जेल भिजवाया था। इसकी एक कॉपी किसाने के पास भी है। किसान का कहना है कि जब आरोपी जेल से बाहर आया तो उसने फिर से उसी स्थान पर जेसीबी चलवाई और एक मढ़िया बना दी। किसान फिर अपने हक के लिए इसी तरह दर-दर भटकने लगा पर किसी भी व्यक्ति द्वारा सुनवाई नहीं की गई। इसी तरह आज भी हम सुनवाई के लिए आए पर हमें कह दिया गया कि नजी संपत्ति है कोई रास्ता नहीं मिलेगा। इन सब बातों से तंग आकर किसान ने यह कदम उठाया है।

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