किसान बिल के विरोध में सड़कों पर चक्का जाम, दर्जनों किसान संगठनों एवं राजनीतिक पार्टियों ने खोला मोर्चा

जौरा/कैलारस/सबलगढ़। संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रव्यापी आह्वान पर तीनों कृषि कानूनों की वापसी के लिए देशव्यापी आंदोलन की कड़ी में मुरैना जिले में जुझारू एवं व्यापक भागीदारी के साथ चक्काजाम किया गया। संयुक्त किसान मोर्चा जिसमें 500 से ज्यादा किसान संगठन शामिल हैं। इस ऐतिहासिक चक्काजाम में जोरा में सैकड़ों किसानों ने मेन रोड पर जाम लगा दिया। लंबे समय तक चले जाम के बाद के दौरान प्रशासन ने ढाई सौ से ज्यादा कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया।
इसी तरह कैलारस में किसानों द्वारा चक्काजाम किया गया। कैलारस में दशकों के बाद जुझारू आंदोलन की धमक सुनाई दी। इस आंदोलन में मध्य प्रदेश किसान सभा, राष्ट्रीय किसान मोर्चा सहित कई किसान संगठन शामिल रहे। इस आंदोलन को मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी तथा बहुजन मुक्ति मोर्चा द्वारा भी समर्थन दिया गया। कैलारस में हुई आमसभा को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव बादल सरोज ने कहा कि यह आंदोलन ऐतिहासिक आंदोलन है। आजादी के बाद से देश में सबसे बड़ा जनांदोलन बन गया है। मोदी सरकार कॉरपोरेट कानूनों को वापस लेने को तैयार नहीं है। लेकिन किसानों ने भी तय किया हुआ है कि वापसी तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा। सरकार को कानून वापस लेने ही पड़ेंगे। कैलारस में एमएस रोड पर जाम की कार्रवाई की गई, जिसमें 5 सैकड़ा से ज्यादा किसानों ने और कार्यकर्ताओं ने भागीदारी की ।
सबलगढ़ में किसान संगठनों के अलावा राजनीतिक दलों ने भी आंदोलन को समर्थन दिया। यहां 1000 से ज्यादा लोगों ने भागीदारी की। आंदोलन जिले में अब तक होने वाले आंदोलनों में ऐतिहासिक हो गया है। जिसमें मुरैना से लेकर सबलगढ़ तक चार स्थानों पर चक्का जाम किया गया, सभाएं की गई, प्रदर्शन किए गए। बड़ी संख्या में किसानों ने शिरकत कर आंदोलन की व्यापकता को बढ़ाया और मजबूत किया।
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