SHAHDOL NEWS; सरकारी व्यवस्था से तंग आकर 83 साल के बुजुर्ग ने राष्ट्रपति से की इच्छा मृत्यु की मांगी, जानें पूरा मामला

SHAHDOL NEWS; सरकारी व्यवस्था से तंग आकर 83 साल के बुजुर्ग ने राष्ट्रपति से की इच्छा मृत्यु की मांगी, जानें पूरा मामला
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शहडोल जिले के जनपद पंचायत गोहपारू के ग्राम करुवा के रहने वाले एक 83 वर्षीय बुजुर्ग व्यक्ति ने राष्ट्रपति के नाम पत्र लिखकर इच्छा मृत्यु की गुहार लगाई है। उनका कहना है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पहली किस्त के रूप में 25 हज़ार उनके खाते में दी गई द्वितीय किस्त नहीं मिलने की वजह से बुजुर्ग ने उठाया ये कदम

शहडोल : पीएम मोदी लगातार जानत और देश के हित में कोई बड़े काम कर रहे है। तरह तरह की योजनाएं चला रहे है। ताकि देश की जनता को जीवन व्यापम करने के लिए बुनियादी सुविधा मिल सके। इसी कड़ी में पीएम मोदी ने आर्थिक तंगी से परेशान लोगों को पक्के मकान देने के लिए पीएम आवास योजना की शुरुआत की थी। ताकि लोगों को टूटे फूटे और मिटटी के मकान में रहना न पड़े और उनके पास खुद का पक्का मकान हो। लेकिन आज भी देश मे ऐसे कोई सारे लोग है जिन्हे इस सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है। जिसकी वजह से लोग मरने पर मजबूर हो गए है। ऐसे ही परेशानी से जूझ रहे एक बुज़ुर्ग ने सरकारी व्यवस्था से तंग आकर राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु की मांगी की है।

द्वितीय किस्त नहीं मिलने की वजह से बुजुर्ग परेशान

बता दें कि ये पूरा मामला शहडोल जिले के जनपद पंचायत गोहपारू के ग्राम करुवा का है। जहां एक 83 वर्षीय बुजुर्ग व्यक्ति ने राष्ट्रपति के नाम पत्र लिखकर इच्छा मृत्यु की गुहार लगाई है। शहडोल जिले के जनपद पंचायत गोहपारू के ग्राम करुवा के रहने वाले एक 83 वर्षीय बुजुर्ग व्यक्ति ने राष्ट्रपति के नाम पत्र लिखकर इच्छा मृत्यु की गुहार लगाई है। उनका कहना है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पहली किस्त के रूप में 25 हज़ार उनके खाते में दी गईपहली क़िस्त से सिर्फ छत तक का काम पूरा हो पाया। जिसके बाद बुजुक ने सोचा की दूसरी किस्त आएगी तब आगे का काम करवाया जाएगा। लेकिन उसके बाद अचानक उन्हें अपात्र घोषित कर दिया गया और द्वितीय किस्त नहीं दी गई है।

कलेक्टर ने दिए कार्रवाई के निर्देश

जिससे परेशान होकर लक्ष्मी प्रसाद चतुर्वेदी ने मदद के लिए सीएम हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज करवाई लेकिन महीनो तक कोई जवाब नहीं आया। लेकिन कुछ महीने के बाद जनपद सीईओ ने यह कहकर शिकायत विलोपित करा दी की एक सप्ताह के अंदर उन्हें दूसरी किस्त जारी कर दी जाएगी। लेकिन एक साल पूरा साल होने के बावजूद उन्हें किस्त जारी नहीं की गई। जिसकी वजह से बुजुर्ग ने इच्छा मृत्यु की मांग की और आवेदन कलेक्टर ऑफिस में जमा करवाने पहुंचे लेकिन कलेक्टर ने आवेदन लेने से इंकार कर दिया। साथ ही पीड़ित बुज़ुर्ग की बात सुनकर इस मामले को संज्ञान में लेते हुए जांच के निर्देश दिए। बुज़ुग को समझा बुझाकर घर वापस भेजे।

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