Final Opinion Poll of ‘Madhya Pradesh’ : जीत का ‘पंच’...5वीं बार.. बन सकती है भाजपा की ‘सरकार’

नई दिल्ली। ठीक एक महीने बाद 3 दिसंबर को चुनाव के नतीजे आएंगे। लेकिन, उससे पहले इंडिया टीवी-सीएनएक्स का फाइनल ओपिनियन पोल सामने आ गया है। इस ओपिनियन पोल के अनुसार प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों में से भाजपा को 119 सीटें मिल सकती हैं जबकि कांग्रेस को 107 सीटें मिलने का अनुमान है। वहीं, अन्य के खाते में 4 सीटें जा सकती हैं। यानी, मध्यप्रदेश में भाजपा को बहुमत मिलने के आसार हैं। बहुमत का आंकड़ा 116 है। प्रदेश के 43 फीसदी लोग शिवराज सिंह चौहान को फिर से मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं। जबकि, सीएम पद के लिए 40 फीसदी लोगों की पसंद कमलनाथ हैं। ज्योतिरािदत्य सिंधिया को इस पद के लिए 11 फीसदी लोगों ने पसंद किया है। पोल में एक दिलचश्प तथ्य सामने आया है। पोल के मुताबिक 53 फीसदी लोगों ने माना है कि भाजपा के भीतर ज्यादा झगड़ा है। जबकि, कांग्रेस में 37 फीसदी ही। 47 फीसदी लोगों को भाजपा की गारंटियों पर भरोसा है। 41 फीसदी लोग कांग्रेस की गारंटियों पर यकीन करते हैं। उम्मीदवार चयन में भी लोगों ने भाजपा को समझदार माना है।
24 में से भाजपा को 16 सीटें मिलने का अनुमान
भोपाल संभाग विदिशा और राजगढ़ को मिलाकर बनता है। यहां विधानसभा की 24 सीटें हैं। ओपिनियन पोल के आंकड़ों के मुताबिक 24 से भाजपा को 16 सीटें मिलने का अनुमान है जबकि कांग्रेस के खाते में 8 सीटें जाने का अनुमान है।
28 में से कांग्रेस को मिल सकती हैं 15 सीटें
निमाड़ क्षेत्र से विधानसभा की 28 सीटें आती हैं। रतलाम, देवास, खरगौन, खंडवा और बैतूल का इलाका निमाड़ का हिस्सा है। ओपिनियन पोल के मुताबिक भाजपा को 28 में से 12 सीटें मिलने का अनुमान है जबकि कांग्रेस के खाते में 15 सीटें जा सकती हैं। वहीं, अन्य को एक सीट मिलने का अनुमान है।
फाइनल ओपिनियन पोल में
बहुमत का आंकड़ा - 116
भाजपा-119 सीटें
कांग्रेस-107 सीटें
अन्य-04 सीटें
मुख्यमंत्री कौन बनेगा?
शिवराज सिंह चौहान-43%
कमलनाथ -40%
ज्योतिरादित्य सिंधिया-11%
दिग्विजय सिंह -1%
किस पार्टी के अंदर ज्यादा झगड़ा है?
भाजपा-53%
कांग्रेस-37%
कह नहीं सकते-10%
किसकी गारंटी
पर भरोसा है?
भाजपा-47%
कांग्रेस-41%
अन्य-9%
कह नहीं सकते-3%
कांग्रेस में किसका प्रचार पसंद आ रहा है?
राहुल गांधी -35%
प्रियंका गांधी वाड्रा -13%
कमलनाथ -35%
दिग्विजय सिंह -2%
कह नहीं सकते -15%
जातिगत गणना का कांग्रेस का वादा
सही है -42%
चुनावी है -47%
कह नहीं सकते -11%
उम्मीदवार चुनने में कौन सी पार्टी समझदार?
भाजपा-49%
कांग्रेस-40%
अन्य-7%
4% - कह नहीं सकते
34 में से 15 सीटें ही हासिल
ग्वालियर-चंबल संभाग में कुल मिलाकर विधानसभा की 34 सीटें हैं। ओपिनियन पोल के मुताबिक 34 सीटों में कांग्रेस को 19 सीटें मिल सकती हैं जबकि भाजपा को कुल 15 सीटें मिल सकती हैं। वहीं, अन्य का खाता भी नहीं खुलने का अनुमान है। 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 34 सीटों में से 26 सीटें जीती थी।
बघेलखंड और बुंदेलखंड में कौन आगे?
51 में से 29 सीटें जा सकती हैं भाजपा की झोली में
बघेलखंड और बुंदेलखंड को मिला दें तो इस क्षेत्र में विधानसभा की 51 सीटें आती हैं। जो पार्टी इस क्षेत्र को जीत हासिल करेगी उसके सत्ता में आने की संभावना बढ़ जाती है। ओपिनियन पोल के मुताबिक इस क्षेत्र की कुल 51 सीटों में से 29 सीटें भाजपा को मिल सकती हैं, वहीं कांग्रेस को 21 और अन्य के खाते में 1 सीट जाने का अनुमान है।
46 में से 28 सीटें जा सकती हैं भाजपा के खाते में
मालवा क्षेत्र में विधानसभा की 46 सीटें आती हैं। उज्जैन, इंदौर, मंदसौर और धार मालवा रीज़न में पड़ते हैं। ओपिनियन पोल के मुताबिक मालवा क्षेत्र में भाजपा आगे दिख रही है। भाजपा को मालवा क्षेत्र की 46 में से 28 सीटें मिलने का अनुमान है। वहीं, कांग्रेस को 18 सीटें मिल सकती है जबकि अन्य का खाता भी नहीं खुलने का अनुमान है।
महाकौशल में कांग्रेस आगे 47 सीटों में से 26 कांग्रेस के पक्ष में संभव
महाकौशल क्षेत्र में छिंदवाड़ा के अलावा जबलपुर, मंडला, बालाघाट और नर्मदापुरम का इलाका आता है। इस क्षेत्र कुल मिलाकर 47 विधानसभा सीटें हैं। ओपिनियन पोल के मुताबिक 47 सीटों में से 26 सीटें कांग्रेस के पक्ष में जाने का अनुमान है। वहीं, भाजपा के खाते में 19 सीटें जाने की संभावना है। अन्य को दो सीटें मिल सकती हैं।
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