डेथ सर्टिफिकेट के लिए निगम के चक्कर काट रहे लोग, 21 दिन की मियाद ने बढ़ाई परेशानियां

भोपाल। कोरोना महामारी की दूसरी लहर से चारो ओर हाहाकार की स्थिति है, वहीं मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में लोगों को मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने में खासा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पहले कोरोना से मौत वाले प्रमाण पत्रों में कोरोना से मौत होना नहीं लिखा जा रहा था और अब 21 दिनों की मियाद ने लोगों के सामने परेशानी खड़ी कर दी है। कोरोना कफर्यू के कारण जो लोग आवेदन नहीं कर पाये, उन लोगों को अब प्रमाण पत्र नहीं मिल पा रहे हैं। पिछले तीन दिनों में सैकड़ो की संख्या में नगर निगम प्रशासन ने आवेदन निरस्त कर दिये। आम जनता मृत्यु प्रमाण पत्र के लिये निगम के चक्कर काट रहे हैं और संक्रमण का बहाना बनाकर जिम्मेदार कुछ भी कहने से बच रहे हैं।
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान कोरोना से होने वाली मौतों और सामान्य मौते के मामले में परिजन परेशान हैं। पहले कोरोना से हुई मौतों के प्रमाण पत्र में इस बात का जिक्र ही नहीं किया जा रहा है कि उनके परिजनों की मौत कोरोना महामारी से हुई है और अब मृत्यू प्रमाण पत्र बनवाने में 21 दिन की मियाद लोगों को भारी पड़ रही है। कफर्यू के कारण घरों में कैद लोग अपने परिजनों का मृत्यु सर्टिफिकेट नहीं बनवा पाये और अब निगम के दफ्तर जाने पर उनके आवेदन निरस्त किये जा रहे हैं। कुछ लोग तो एक सप्ताह से ज्यादा दिनों से चक्कर लगा रहे है, लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है।
दरअसल मृत्यु प्रमाण पत्र के मामले में 21 दिनों के अंदर अस्पताल या श्मशानघाट की रिपोर्ट के साथ आवेदन करने का नियम है, लेकिन कोरोना कर्फ्यू के कारण लोग निगम के दफ्तर में आवेदन नहीं कर पाये। अब निगम के जिम्मेदार लेट होने के कारण आवेदन निरस्त कर रहे हैं, जिसके चलते लोगों को अपने परिजनों का मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं मिल पा रहा है।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS