kuno national park :अफ्रीकन चीतों की सुरक्षा को लेकर वन अधिकारियों ने बनाई नई योजना, बदला जाएगा आशियाना, जानें पूरा मामला

kuno national park :अफ्रीकन चीतों की सुरक्षा को लेकर वन अधिकारियों ने बनाई नई योजना, बदला जाएगा आशियाना, जानें पूरा मामला
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प्रदेश को एक के बाद मिले चीतों की सौगात के बाद कूनो नेशनल पार्क में चीतों की संख्या बढ़ने लगी है। जिसको देखते हुए अफ्रीकन चीतों को जल्द ही जंगल में फ्री रेंज किया जाएगा। ताकि चीतों को जंगल में नया आशियाना मिल सके। इस बात का फैसला वन अधिकारी और विशेषज्ञों के बीच हुई बैठक में लिया गया।

भोपाल : मध्यप्रदेश में चीता प्रोजेक्ट शुरू होने के बाद से प्रदेश में प्रयटकों की भीड़ बढ़ते जा रही है। प्रदेश को एक के बाद मिले चीतों की सौगात के बाद कूनो नेशनल पार्क में चीतों की संख्या बढ़ने लगी है। जिसको देखते हुए अफ्रीकन चीतों को जल्द ही जंगल में फ्री रेंज किया जाएगा। ताकि चीतों को जंगल में नया आशियाना मिल सके। इस बात का फैसला वन अधिकारी और विशेषज्ञों के बीच हुई बैठक में लिया गया।

15 अगस्त के बाद चीतों को फ्री रेंज छोड़ा जाएगा

बता दें कि 15 अगस्त के बाद कूनो नेशनल पार्क से चीतों को जंगल में फ्री रेंज किया जाएगा। जिसके बाद चीते किसी भी जंगल में अपने मन मुताबिक जा सकते है। वन अधिकारी और विशेषज्ञों के बीच बैठक में फ्री रेंज को लेकर चर्चा होने के बाद ये तय किया गया है। मिली जानकारी के अनुसार, चीतों को तब तक ट्रेंकुलाइज नहीं किया जाएगा, जब तक उनको या फिर किसी व्यक्ति को खतरा ना हो। बता दें कि पहले भी चीता टास्क फोर्स के अधिकारियों ने ओवान, आशा, फ्रेंडी और एल्टन नाम के चीतों को जंगल में रिलीज किया था। इसके बाद से ये चीते लगातार कूनो से बाहर होकर टिकटॉली इलाके में जानें लगे तो कभी मोरावन क्षेत्र में।

चीतों की संख्या हुई 23

17 सितंबर 2022 को प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन पर मप्र में आठ चीते नामिबिया से लाकर कूनो में छोड़े गए थे, वहीं, दक्षिण अफ्रीका से 18 फरवरी को 12 चीतों का दूसरा जत्था भारत लाया गया था। इन 12 चीतों में सात नर और पांच मादा शामिल थीं। सभी चीतों को मिलाकर वर्तमान में कूनो में चीतों की संख्या 23 हो गई है। जो की काफी चिंता जनक है। एक्सपर्ट्स के अनुसार कूनो से चीतों को शिफ्ट करना जरूरी है, क्योंकि कुछ समय में वहां क्षमता से अधिक चीते हो जाएंगे। ऐसे में उनकी देख रेख करना मुश्किल हो जाएगा और कोई महामारी फैल गई तो चीता प्रजाति पर संकट आ सकता है। चीतों को ज्यादा समय तक बाड़ों में रखना या फिर किसी सीमा में बांधना सही नहीं है। जिसको देखते हुए चीतों को फ्री रेंज छोड़े जाने का फैसला लिया गया है।

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