नगर निगम की दुकान दिलाने का झांसा देकर 79 लाख रुपए की ठगी

भोपाल: कोतवाली थाना क्षेत्र में आधा दर्जन जालसाजों ने सिविल ठेकेदार और व्यवसायी को टीटी नगर में नगर निगम की दुकान दिलाने का झांसा देकर 79 लाख रुपए ऐंठ लिए। आरोपियों ने उनसे पैसा नगद लिया था। दरअसल, वह कह रहे थे कि एक करोड़ की दुकान तीस तीस लाख रुपए में दिला देंगे। आरोपियों में कुछ नगर निगम के बाबू और अधिकारी भी बन गए। रुपए हाथ लगने के बाद आरोपियों ने फर्जी अलाटमेंट लेटर भी थमा दिया। फर्जीवाड़ा का पता चलते ही पीड़ित पक्ष ने आरोपियों से अपने रुपए वापस मांगे तो आरोपियों ने उन्हें रातीबड़ में एक एकड़ भूमि देने की बात कही। जब जमीन भी नहीं मिली तो शिकायत पुलिस से की गई। पुलिस ने आवेदन जांच के बाद आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
एसआई सुनील इनवाती ने बताया कि आदिल जावेद (38) इब्राहिमगंज में रहते हैं और सिविल ठकेदार है। जबकि जहांगीराबाद निवासी आरिफ कुरैशी (40) कार में वायरिंग का काम करते हैं। दोनों की मुलाकात लॉक डाउन से पहले अजीम उद्दीन और नइम उद्दीन से हुई थी। अजीम और नईम ने खुद को नगर निगमकर्मी बताया और उनकी मुलाकात रामभरोस से कराई। उन्होंने बताया कि रामभरोस नगर निगम में बाबू है और वह टीटी नगर की दुकान तीस लाख रुपए में दिला देगा। उक्त दुकान की कीमत एक करोड़ रुपए है।
बेच दिया मकान फ्लैट और कार
लॉक डाउन के पहले शुरू हुए इस फर्जीवाड़ा में आरोपियों ने आवेदन और पेपर वर्क के नाम पर रुपए लेने शुरू कर दिए। फरियादी पक्ष ने उन्हें ऑनलाइन रुपए देने के बात की, लेकिन वह कहने लगे कि नगर निगम में नगद रुपए देने पड़ते है। इसके बाद अलग-अलग खर्चे बताकर आरोपियों ने उनसे लाखों रुपए ले लिए। दुकान का सपना देख रहे आदिल को अपना मकान बेचना पड़ा, जबकि आरिफ ने अपनी कार और फ्लैट बेचकर उन्हें रुपए दे दिए।
फर्जी अलाटमेंट लेटर थमाकर फिर ली रकम
आदिल और आरिफ को रुपए देने के बाद आरोपी लगातार टालते रहे। वर्ष 2020 में जब आदिल और आरिफ ने अपने रुपए वापस मांगे तो आरोपियों ने उन्हें फर्जी अलाटमेंट लेटर थमा दिया। अलाटमेंट लेटर लेकर जब वह नगर निगम कार्यालय पहुंचे तो पता चला कि यह फर्जी है। उन्हें अपने साथ हुई ठगी का अब पूरा भरोसा हो गया था। आदिल और आरिफ ने अपने रुपए वापस मांगे तो आरोपी कहने लगे कि रातीबड़ में उनकी एक एकड़ जमीन है। उक्त जमीन करोड़ रुपए की है। वह जमीन वह उन्हें दे देंगे।
उधारी का कराया एग्रीमेंट
पूरी रकम ऑनलाइन देने के कारण आदिल और आरिफ के पास लेनदेन का कोई रिकार्ड नहीं था। लिहाजा वह शिकायत भी नहीं कर सकते थे। दोनों ने आरोपियों पर दबाव बनाया और अलग-अलग आरोपियों से 79 लाख रुपए की उधारी का एग्रीमेंट बनवा लिया। इसके बाद थाने में शिकायत की गई। पुलिस ने जांच के बाद अजीम उद्दीन, नइम उद्दीन, रामभरोसे, चांद, हनीफ और ओम प्रकाश पर धोखाधड़ी और अमानत में खयानत समेत फर्जी दस्तावेज बनाने का प्रकरण दर्ज कर लिया।
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