लक्ष्य: एक महीने में भी नहीं बिल्डिंग परमिशन,अब 15 दिन का दिया लक्ष्य

भोपाल। बिल्डिंग परमिशन के लिए 15 दिन का समय तय हो गया है। केन्द्र सरकार की गाईडलाइन के अनुसार इसका पालन कराना जरुरी है। लेकिन आॅनलाइन प्रक्रिया में आवेदन की लंबी पेडेंसी दिक्कतों का सबब बन रही है। आॅटेमेटेड बिल्डिंग अप्रूवल सिस्टम में प्रदेशभर के करीब चार हजार आवेदन अटके हुए है। जानकारों का कहना है कि, अगर अधिकारी इन फाइलों को निपटान के लिए ईमानदारी से करें तो भी एक माह से ज्यादा का समय लगेगा। ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि, अब तक तीस दिन की समय सीमा में बिल्डिंग परमिशन नहीं मिल पाती थी। ऐसे में यह प्रक्रिया 15 दिनों में कैसे पूरी होगी। आपको बता दें कि, प्रदेशभर की नगरीय निकायों में बिल्डिंग परमिशन के लिए आॅटेमेटेड बिल्डिंग अप्रूवल सिस्टम पार्ट-2 लागू किया गया है। इसके तहत बिल्डिंग परमिशन के आवेदनों को मंजूरी मिलती है। बावजूद उसके तय समय सीमा में यह परमिशनें नहीं मिल पाती है।
तकनीकि बाधाओं को करना होगा दूर: आॅटेमेटेड बिल्डिंग अप्रूवल सिस्टम लागू होने के बाद आवेदक कई स्तरों पर अटक जाते हैं। आवेदन आॅनलाइन जमा करने के लिए आर्टिकेक्ट या खुद आवेदन के माध्यम से आगे बढ़ता है। सॉफ्टवेयर तय दस्तावेजों के आधार पर परख करता है, और फाइल को आगे बढ़ाता है। इसमें संबंधित जोन अधिकारी की टीप होती है। यदि टीम में कोई गड़बड़ी हुई आवेदन रद्द हो जाता है। ड्राफ्टमैन के पास भी आवेदन अटक जाता है। वह फीस जोड़ता है। उसके बाद इंजीनियर या सिटी इंजीनियर इसकी अनुमति जारी करता है। ऐसे में तेजी से काम करने के लिए तकनीकि बाधाओं को दूर करना होगा।
प्रदेश की नगरीय निकायों में बिल्डिंग परमिशन तय समय से मिले, इसकी सतत मॉनिटरिंग की जा रही है। 15 दिन की समय सीमा अनुमति दिलाने की कोशिश की जा रही है। निकुंज श्रीवास्तव, आयुक्त, नगरीय प्रशासन विभाग
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