MP: आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका के वेतन संबंधी दावे पर निर्णय ले शासन, हाईकोर्ट का राज्य सरकार को निर्देश

MP: आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका के वेतन संबंधी दावे पर निर्णय ले शासन, हाईकोर्ट का राज्य सरकार को निर्देश
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कार्यकर्ता एवं सहायिका कल्याण संघ सिवनी की ओर से हाईकोर्ट में दायर किया गया है। इसमें कहा गया कि आंगनबाड़ी सहायिकाओं का वेतन 10 हजार रुपए और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का वेतन 20 हजार रुपए करने केन्द्र व राज्य सरकार को आवेदन दिया गया था।

MP: भोपाल। मप्र हाईकोर्ट ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका के वेतन सहित अन्य लाभ देने के दावे पर उचित निर्णय लेने के आदेश शासन को दिए हैं। जस्टिस राज मोहन की एकलपीठ ने याचिका का निराकरण करते हुए राज्य सरकार और निदेशक महिला एवं बाल कल्याण विभाग को दो माह में याचिकाकर्ता की याचिका पर विधि अनुसार निर्णय लेने के निर्देश दिए हैं। जानकारी के अनुसार यह मामला आंगनबाड़ी

कार्यकर्ता एवं सहायिका कल्याण संघ सिवनी की ओर से हाईकोर्ट में दायर किया गया है। इसमें कहा गया कि आंगनबाड़ी सहायिकाओं का वेतन 10 हजार रुपए और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का वेतन 20 हजार रुपए करने केन्द्र व राज्य सरकार को आवेदन दिया गया था लेकिन इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया। याचिका की सुनवाई के दौरान न्यायालय को बताया गया कि केन्द्र सरकार की ओर से कुपोषण के खिलाफ बनी योजना के तहत साल 1975 में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय गठित किया गया था। इस

योजना के तहत ग्रामीण अंचल, शहर तथा महानगरों में आंगनबाड़ी केन्द्र स्थापित किए गए थे। आंगनबाड़ी केन्द्र में एक कार्यकर्ता तथा एक सहायिका की नियुक्ति की गई थी। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं से 12 घंटे काम लिया जाया है पर भारतीय संविधान के अनुच्देछ 123 तथा मजदूरी अधिनियम के विपरीत कम वेतन दिया जा रहा है। एकलपीठ ने मामले का पटाक्षेप करते हुए उक्त निर्देश दिए। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता बालकिशन चौधरी ने पक्ष रखा।

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