सालों से सरकारी स्कूलों में सेवाएं दे रहे अतिथि शिक्षक हुए बेरोजगार, भविष्य बचाने राजधानी में डालेंगे डेरा

सालों से सरकारी स्कूलों में सेवाएं दे रहे अतिथि शिक्षक हुए बेरोजगार, भविष्य बचाने राजधानी में डालेंगे डेरा
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प्रदेश में करीब तीन साल की लंबी प्रक्रिया के बाद अब शिक्षक भर्ती 2018 तहत स्कूलों में शिक्षकों की ज्वाइनिंग हुई है। विवादों से घिरी इस शिक्षक भर्ती ने एक बार फिर स्कूल शिक्षा विभाग के गलियारों में हलचल मचा दी है। हाल ही में भर्ती प्रक्रिया से बाहर हुए अभ्यर्थियों के प्रदर्शन के बाद अब प्रदेश के अतिथि शिक्षकों ने स्कूल शिक्षा विभाग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सालों से सरकारी स्कूलों में सेवाएं दे रहे अतिथि शिक्षक बड़ी संख्या में बेरोजगार हुए हैं। ऐसे में अब अपना भविष्य बचाने के लिए अतिथि शिक्षक एक बार फिर राजधानी में डेरा डालने की तैयारी कर रहे हैं।

भोपाल। अतिथि शिक्षक समन्व्य समिति के अध्यक्ष सुनील परिहार का कहना है कि शिक्षक भर्ती से प्रदेश में लगभग बारह हजार अतिथि शिक्षक बेरोजगार हो गए हैं। करीब चौदह वर्ष की सेवा के बाद अतिथि शिक्षकों को बेरोजगार करना सही नहीं है। परिहार ने मांग की है कि मध्यप्रदेश सरकार भी हरियाणा सरकार की तर्ज पर अतिथि शिक्षकों का भविष्य सुरक्षित करे। जिस तरह हरियाणा सरकार ने अतिथि शिक्षकों के हित में नीति बनाकर उनका भविष्य सुरक्षित किया है। जिसमें 58 वर्ष की आयु तक अतिथि शिक्षकों को यथावत रखा जाएगा और प्रति वर्ष वेतन वृद्धि की जाएगी। जल्द ही सरकार अगर अतिथि शिक्षकों के पक्ष में कोई अहम फैसला नहीं लेती है तो अतिथि शिक्षक राजधानी के डेरा डाल आदोलन करेंगे। बता दें कि पूर्व में अतिथि शिक्षकों द्वारा राजधानी में जुटकर धरना-प्रदर्शन किया जा चुका है। हालांकि कोरोना संक्रमण के चलते इस आदोंलन को स्थगित कर दिया गया था।

स्कोर कार्ड अपडेट करवाने पोर्टल खोला जाए

परिहार ने कहा है कि लगभग 2 सत्र होने जा रहे हैं, तब से स्कोर कार्ड में अपडेशन नहीं हो रहा है। हजारों अतिथि शिक्षकों के स्कोर कार्ड में अपडेशन होना है। किसी को योग्यता अपडेट करवाना है, तो किसी को गलतियां सुधरवाना है। डीपीआई में कई बार आवेदन देने के बाद भी आजतक पोर्टल शुरू नहीं हुआ है।

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