आईआईएसएफ में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड और साइंस थ्रू गेम्स एंड टॉयज रहेंगे खास आकर्षण

भोपाल। राजधानी में 8वां इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल 21 से 24 जनवरी तक होगा। फेस्टिवल के दौरान विभिन्न गतिविधियां होंगी। उल्लेखनीय है कि महोत्सव की शुरुआत 2015 से ही विश्व कीतिज़्मान बनाने और गिनीज वल्डज़् रिकाड्सज़् में नाम दजज़् कराने के सिलसिले के साथ आरंभ हुई, जो लगातार जारी है। इसमें हर साल स्कूली बच्चों द्वारा विज्ञान के विभिन्न प्रयोगों का सामूहिक आयोजन कर विश्व रिकार्ड स्थापित किए जाते हैं। इस बार महोत्सव में बीते वर्षों में दर्ज किए गए विश्व कीर्तिमानों को दर्शाया जाएगा। साइंस फेस्टिवल की नोडल एजेंसी म.प्र.विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् (मेपकॉस्ट), भोपाल है। फेस्टिवल में विज्ञान भारती, मेनिट, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, मध्यप्रदेश शासन, क्षेत्रीय जैव प्रौद्योगिकी केंद्र, वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद् (सीएसआईआर), जैव प्रौद्योगिकी विभाग, अंतरिक्ष विभाग और परमाणु ऊर्जा विभाग की सहभागिता रहेगी। 8वां साइंस फेस्टिवल 21 से 24 जनवरी तक भोपाल स्थित मौलाना आजाद नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलाजी मेनिट में होगा।
यह कीर्तिमान जो बने गौरव का विषय:
पहली बार साइंस फेस्टिवल दिसंबर 2015 में आईआईटी, नई दिल्ली में हुआ। इसमें करीब 2 हजार स्कूली बच्चों ने रसायन विज्ञान में एक साथ प्रयोग कर गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड बनाया था। दिसंबर 2016 में सीएसआईआर-एनपीएल, दिल्ली में 550 स्कूली बच्चों ने एक साथ वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टाइन की ड्रेस में स्वयं को प्रस्तुत कर विश्व कीर्तिमान स्थापित किया था। इसके बाद लगातार अक्टूबर 2017, चौथी बार अक्टूबर 2018 फिर पांचवी बार नवम्बर 2019 में वल्र्ड रिकार्ड बनाया गया। 7वां साइंस फेस्टिवल दिसंबर 2021 में पणजी में हुआ, जिसमें 500 स्कूली बच्चों ने रॉकेट बना कर और उसे सफलता से लांच कर गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड में नाम दर्ज कराया था।
स्टार्टअप कॉनक्लेव में होगा मंथन:
इस साइंस फेस्टिवल स्टार्टअप कॉनक्लेव में विशेष जोर बायोटेक इनावेशन इको सिस्टम पर दिया जाएगा। साथ ही स्टार्टअप द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में विकसित इनोवेटिव उत्पादों और प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन भी किया जाएगा। कॉनक्लेव में स्टार्टअप के क्षेत्र में अवसरों और चुनौतियों पर भी विचार-मंथन किया जाएगा।
साइंस थ्रू गेम्स एंड टॉयज में यह लेंगे भाग:
बच्चों के बीच ज्ञान-विज्ञान को दिलचस्प अंदाज और मनोरंजक तरीके से प्रस्तुत करने में खिलौनों की महत्वपूर्ण भूमिका है। विज्ञान के क्षेत्र में हुई प्रगति ने सृजनशील लोगों को इस क्षेत्र में अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका दिया है। वास्तव में गेम्स और टॉयज की विकास यात्रा में विज्ञान और प्रौद्योगिकी की बड़ी भूमिका रही है। इस आयोजन में वैज्ञानिक, कलाकार, विद्यार्थी, अनुसंधानकर्ता, विज्ञान संचारक, टॉयमेकर्स आदि भाग ले सकते हैं। इस बार फेस्टिवल में साइंस थ्रू गेम्स एंड टॉयज एक्टिविटीज भी प्रमुख आकर्षण रहेंगी। एक्टिविटीज में परंपरागत और आधुनिक खिलौनों की प्रदर्शनी लगाई जाएगी। कार्यशालाएं और इंटरएक्टिव-सत्र भी किए जाएंगे।
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