Congress Gullak Team : कमलनाथ के दिवाने 4 बच्चे, 101 किमी की पैदल यात्रा, भेंट की गुल्लक

Congress Gullak Team : कमलनाथ के दिवाने 4 बच्चे, 101 किमी की पैदल यात्रा, भेंट की गुल्लक
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कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा ने कांग्रेस ही नहीं बल्कि जनता को भी उत्साहित किया है। युवाओं से लेकर बुजुर्गो को राहुल गांधी का भारत जोड़ो यात्रा के दौरान मेल मिलाप काफी पसंद आया। इसी से प्रेरित होकर चार बच्चे, जो कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाने के लिए 101 किमी की पदयात्रा करते हुए राजधानी भोपाल पहुंचे और उन्हें अपनी गुल्लक भेंट की।

MP Election 2023 : कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा ने कांग्रेस ही नहीं बल्कि जनता को भी उत्साहित किया है। युवाओं से लेकर बुजुर्गो को राहुल गांधी का भारत जोड़ो यात्रा के दौरान मेल मिलाप काफी पसंद आया। इसी से प्रेरित होकर चार बच्चे, जो कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाने के लिए 101 किमी की पदयात्रा करते हुए राजधानी भोपाल पहुंचे और उन्हें अपनी गुल्लक भेंट की।

पदयात्रा करते भोपाल पहुंचे 4 बच्चें सीहोर जिले के आष्टा के रहने वाले है। चारों बच्चों ने भीषण गर्मी में 101 किमी की पदयात्रा कर आष्टा से भोपाल तक का सफर तय किया और कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाने की कामना की। बीते बुधवार को चारों बच्चों ने पूर्व सीएम कमलनाथ से मुलाकात की और उन्हें अपनी गुल्लक भेंट की।

कौन है ये चारों बच्चे

आपको बता दें कि सीहोर के आष्टा से भोपाल तक का पैदल सफर करने वाले बच्चे राजकुमार परमार, जतिन परमार, यशराज परमार और जिया परमार है। चारों बच्चें आपस में भाई-बहन है। चारों बच्चों की उम्र 13 साल से 16 साल के बीच है।

राहुल गांधी के साथ कर चुके है पदयात्रा

चारों बच्चे राहुल गांधी के साथ भारत जोड़ो यात्रा में 5 राज्यों की 42 दिन की यात्रा कर चुके है। पदयात्रा में शामिल जिया परमार का कहना है कि भारत जोड़ों यात्रा के दौरान उन्होंने पांचों राज्यों की जमीनी हकीकत देखी, जिसे देखकर उन्हें काफी दुख हुआ। भारत जोड़ो यात्रा को देखकर हमारे मन में ख्याल आया की वह भी एक पदयात्रा करेंगे।

इसलिए की आष्टा से भोपाल की यात्रा

बच्चों का कहना है कि वही कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनते देखना चाहते है। वह मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार बनाने के लिए लोगों को जागरूक करेंगे। बच्चों ने बताया की राजीव गांधी की पुण्यतिथि को यादगार बनाने के लिए उन्होंने आष्टा से भोपाल तक की पदयात्रा की है।

आपको बता दें कि चारों बच्चों ने 21 मई को राजीव गांधी की पुण्यतिथि के दिन आष्टा से भोपाल के लिए पदयात्रा शुरू की थी। बच्चे रोजाना सुबह 6 बजे से दोपहर 11 बजे तक पदयात्रा करते थें। इसके बाद विश्राम होता था। विश्राम के बाद शाम 4 बजे से 7-8 बजे तक फिर पदयात्रा करते थे। पदयात्रा के दौरान बच्चे रास्ते में बच्चों, ग्रामीणों और बुजुर्ग से मिलते उनसे बातचीत करते थे।

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