शोपीस बना इमरजेंसी विभाग, डेडलाइन के बाद भी नहीं शुरू हुआ इलाज

शोपीस बना इमरजेंसी विभाग, डेडलाइन के बाद भी नहीं शुरू हुआ इलाज
X
Bhopal News: हमीदिया अस्पताल में डेडलाइन के बाद भी अब तक इलाज शुरू नहीं हो पाया है। बताया जा रहा है कि वहां के इमरजेंसी विभाग शोपीस बनकर रह गया है।

Bhopal News: हमीदिया अस्पताल के इमरजेंसी मेडिसिन विभाग के लिए नई बिल्डिंग में एडवांस सेंटर बनकर तैयार है। मगर यह शोपीस से ज्यादा कुछ नहीं। तय डेडलाइन से छह माह का अतिरिक्त समय बीत चुका है। मगर अब तक इस सेंटर में विभाग को शुरू नहीं किया जा सका। जबकि इसके लिए अलग से रास्ता और ऑपरेशन थिएटर जैसी सुविधाएं हैं। जिनके जरिए एक्सीडेंटल व ट्रॉमा के मरीजों कम समय में बेहतर इलाज मिलेगा। इससे ट्रॉमा में आने वाले मरीजों की मृत्यु दर भी कम होगी।

मेडिकल विभाग में संचालित हो रहा ट्रॉमा बिल्डिंग

इमरजेंसी मेडिसिन विभाग वर्तमान में ट्रॉमा बिल्डिंग में संचालित है। छह माह पहले इस विभाग को ए ब्लॉक में शिफ्ट किया जाना था। इस दौरान प्रबंधन व विभाग के डॉक्टरों ने निरीक्षण किया। जिसमें कई खामियां पाई गईं। जिनके जल्द सुधार के लिए निर्माण एजेंसी को आदेश दिए गए। सुस्त कार्यप्रणाली के चलते इन सुधार को बीते माह ही पूरा किया गया। अब एक माह बाद विभाग के डॉक्टरों ने शिफ्टिंग के आदेश के इंतजार में हैं।

इसलिए जरूरी है शिफ्टिंग

विभाग के नए भवन में शुरू होते ही इमरजेंसी में आने वाले मरीजों का गंभीरता के आधार पर अगल-अलग जोन में भर्ती कर इलाज किया जाएगा। यह सुविधा वाला शहर में एम्स के अलावा हमीदिया दूसरा सरकारी अस्पताल होगा।

एंबुलेंस के लिए अलग रास्ता, ऑपरेशन थिएटर

नए इमरजेंसी मेडिसिन विभाग के सेंटर तक एंबुलेंस के आने के लिए एक गेट रिजर्व रखा गया है। जहां से सिर्फ एंबुलेंस की ही आवाजाही होगी। इसके साथ ही विभाग में गंभीर मरीज के तत्काल ऑपरेशन के लिए ऑपरेशन थिएटर भी बनाए गए हैं।

एनएमसी ने किया अनिवार्य

नेशनल मेडिकल काउंसिल (एनएमसी) ने इस सुविधा को सभी मेडिकल कॉलेजों के लिए अनिवार्य कर दिया है। अभी तक मेडिकल कॉलेजों से संबंधित अस्पतालों के इमरजेंसी विभाग में सीनियर रेसिडेंट व पीजी डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई जाती है। इस नए सुधार से विभाग में मेडिसिन, एन्सथिसिया, सर्जरी व ट्रॉमा से जुड़े डॉक्टर अलग से तैनात होने हैं।

बताया जा रहा है कि जल्द ही इमरजेंसी मेडिसिन विभाग को नए भवन में शुरू करने की योजना है। इसका सीधी लाभ इमरजेंसी में आने वाले क्रिटिकल मरीजों को मिलेगा। विभाग तक एंबुलेंस के आने के लिए एक गेट को रिजर्व रखा गया है।

Also Read: seekho kamao yojana : मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना में अब तक 1,17,480 युवा पंजीकृत, आत्मनिर्भर बनाने का उद्देश्य

Tags

Next Story