Hamidia Hospital: अब दिल्ली, मुंबई व चेन्नई से नहीं मंगानी पड़ेंगी हड्डियां, बनेगा बोन बैंक

भोपाल। हमीदिया अस्पताल में प्रदेश का पहला बोन बैंक बनाया जाएगा। यहां दान की गईं हड्डियों को रखा जाएगा और जरूरत पड़ने पर इनसे प्रत्यारोपण किया जा सकेगा। बैंक के बनने से मरीजों को प्रत्यारोपण के लिए दिल्ली, मुंबई और चेन्नई से हड्डियां नहीं मंगानी पड़ेंगी। बोन बैंक के लिए हमीदिया के ऑर्थोपेडिक विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। इसका प्रस्ताव जीएमसी के डीन को दिया है। कागजी कार्रवाई पूरी होने के बाद तीन से चार महीने में बोन बैंक स्थापित होने की उम्मीद है। ऑर्थोपेडिक डिपार्टमेंट एचओडी डॉ. संजीव गौर ने बताया कि बोन बैंक भी आई बैंक की तर्ज पर ही काम करता है। इसमें दान की गई या ऑपरेशन के दौरान निकाली गईं हड्डियों को डीप फ्रीजर में माइनस 40 से 70 डिग्री सेल्सियस पर रखा जाता है। इनका उपयोग बोन ट्यूमर निकालने के बाद खाली जगह को भरने और जोड़ प्रत्यारोपण में होता है। यही नहीं दुर्घटनाओं में हड्डियां टूटने, कैंसर या दूसरे तरह के ट्यूमर से खराब होने वाली हड्डियों के बदलने में भी यहां से ली गईं हड्डियों का उपयोग हो सकता है।
शहर समेत प्रदेश के मरीजों को होगा फायदा
डॉ. संजीव गौर ने बताया कि प्रदेश में एक भी बोन बैंक नहीं है। राजधानी में बोन बैंक स्थापित होने से न सिर्फ शहर के मरीजों बल्कि प्रदेशभर के लोगों को फायदा होगा। अभी हड्डी टूटने पर आर्टिफिशियल या फिर मरीज के शरीर की ही हड्डी काटकर लगाई जाती है। डॉ. गौर ने बताया कि हमीदिया में लगभग हर रोज एक मरीज को हड्डी का प्रत्यारोपण किया जाता है। हड्डी नहीं मिलने पर दिल्ली एम्स, मुंबई के टाटा और चेन्नई के रमैया अस्पताल से हड्डी मंगानी पड़ती है। ऐसे में एक हड्डी को लाने में कम से कम 50 हजार खर्च होते हैं।
प्रस्ताव भेजा जा रहा...
डॉ. आशीष गोहिया, अधीक्षक, हमीदिया ने बताया कि बोन बैंक खोलने का प्रस्ताव चिकित्सा शिक्षा विभाग को भेजा जा रहा है। वहां से शासन के पास जाएगा। बजट मिलते ही उपकरण की खरीदी कर बैंक को शुरू करने की तैयारी की जाएगी।
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