Haribhoomi samvad 2023 : विंध्य की बात, खनिज मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह के साथ

Haribhoomi samvad 2023 : हरिभूमि ओर INH के विशेष कार्यक्रम संवाद 2023 की शरूआत आज सतना जिले से की गई। संवाद 2023 के मंच पर प्रधान संपादक हिमांशु शुक्ला ने खनिज मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह पर सवाल पर सवाल दागे, वही खनिज मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह ने भी बड़े आत्मियता के साथ सवालों का जवाब दिया।
हिमांशु द्विवेदी - यह जानना बड़ी दिलचस्पी है कि चुनाव आने वाले हैं, आगे भी मंत्री बना रहा हूं, उसके लिए क्या तैयारी है?
मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह - मैं जिस पार्टी से बिलॉन्ग करता हूं, भारतीय जनता पार्टी यह 5 साल लगातार काम करती है। हम लोग तत्कालिक रूप से जब चुनावी समर में उसी समय मेहनत करें, ऐसा नहीं है। जिस तरह से एक विद्यार्थी जो साल भर मेहनत करता है, उसको आखिरी में कोई परेशानी नहीं जाती है। जो आखरी में मेहनत करने का प्रयास करता है, निश्चित रूप से उसके ऊपर प्रेशर भी ज्यादा होता है। उसको यह डर लगता है कि हम पास होंगे या नहीं? यह हम लोगों को कोई डर नहीं है। हम लोग लगातार 5 साल मेहनत करने वाले लोग हैं। जो लगातार हम काम कर रहे हैं।
हिमांशु द्विवेदी - आपने कहा कि हम लोग 5 साल लगातार काम करने वाले लोग हैं और जो स्टूडेंट साल भर पढ़ाई करते हैं। उन्हें एग्जाम के टाइम पर डर नहीं लगता। जब आप 5 साल काम करने लोग हैं, तो यह 20 क्वेश्चन सीरीज पर इतना भरोसा क्यों कर रहे हैं? लाडली बहना योजना भी आ गई है, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की वेतन अभी बढ़ रहे हैं, संविलियन के संदर्भ में फैसले अभी हो रहे हैं। 1000 को 3000 करने की बातें भी अभी हो रही है, तो मेहनत आपने 5 साल की और फिर भी धड़ाधड़-धड़ाधड़ ऐसा लग रहा है, सारे जहां का खजाना मामा जी के पास ही आ गया है, यह कमाल क्या है?
मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह - देखिए यही तो फर्क है। एक सरकार थी वह पैसे के लिए रो रही थी, कह रही थी कि कि भारतीय जनता पार्टी खाना अपना खजाना खाली करके चली गई है। एक सरकार है, जिसके पास पैसे की कमी नहीं है, लगातार दे रही है। यह सरकार थी उसने वादे किए थे, उसके बाद भी वह नहीं दे पाई। जिस कारण से उसको फेल हो गई, उन्हीं के लोगों से अलग हो गए, वह सरकार चली गई। एक सरकार है कि जो जिसने वह वादे भी नहीं किए थे, तो भी वह पूर्ति कर रही है। रही बात देने की, यह देखिए आप आपने अभी एक मैं देख रहा था अभी डॉक्टर का एक संवाद चल रहा था। कुपोषण की बात भी आई, महिला सशक्तिकरण की बात भी आई, जो हमारी नारी सम्मान लोग मानते हैं कि हमारे इस में नारी सम्मान होना चाहिए। आज कभी वह घर परिवार में किसी बच्ची पैदा होती थी, तो इतना गमगीन माहौल वहां पर बन जाता था कि पता नहीं क्या हो गया बगल के घर में? लेकिन जब लड़का पैदा होता था तो लड्डू बटते थे, ढोल धमाके बढते थे, पटाखे फोड़ते थे। लेकिन आज आप 2003 से पहले का और आज का देखें, यदि आज हम लाडली लक्ष्मी योजना लेकर आए, तो हमने आज 45 लाख बच्चियों को लखपति बनाया है। हमने उनको सपोर्ट किया है। अब जो भी एजुकेशन में जाती हैं तो उनको शिक्षा के लिए पैसे देते हैं। शादी लायक होती हैं तो उनको पैसा मिलता है। दूसरी तरफ आप यह देखें जब से यह हम लोगों ने सम्मानित करने का काम किया है। तब से आप बच्चों का ग्राफ भी बड़ा है, किसी भी फील्ड में, क्योंकि आज एजुकेशन, फिल्में, खेल, एजुकेशन, डिबेट शो हो, बच्चों का योगदान सबसे ज्यादा है। और बच्चियां हर फील्ड में आगे रही है। पॉलिटिकल फील्ड में आप 50 परसेंट के जो आरक्षण हुआ है। निश्चित रूप से उसमें चाहे वह ग्रामीण क्षेत्र के हो, चाहे नगरी क्षेत्रों के हो आज 50 प्रतिशत से ज्यादा हमारी महिलाएं या बच्चियां जो उसमें आ रही है, तो निश्चित रूप से लीडरशिप में वो आ गई है।
आज आप लाइन एंड ऑर्डर की बात देखो तो एक एक समय था कि यही एक क्षेत्र आपका सतना, चित्रकूट वाला क्षेत्र, हमारा पन्ना क्षेत्र पूरा डकैतों से प्रभावित था। आज एक डकैत नहीं है। हमारे क्षेत्र में किडनैपिंग होती थी, कहीं लूट होती थी, कहीं मडर्स होते थे, यह सब प्रभाव हैं, यदि आज हमने कुछ किया है तो आज वह दिख रहा है और इसलिए जो भी मैं हम लोग कर रहे हैं, हमारी सरकार कर रही है। वह जनता के बीच में छाप छोड़ रही है।
हिमांशु त्रिवेदी - पर क्या कर रहे हैं आप? आपने कहा हम हर बहन को हजार पर महीना देंगे। कमलनाथ जी ने फार्म भरवाने चालू कर दिए, कोई दिक्कत की बात नहीं हम 1500 देंगे। फिर शिवराज जी लांच कर रहे थे, उन्होंने कहा चिंता मत करो हम इसे 3000 तक कर देंगे, तो आपसे जाना यह है कि जिस देश में कृष्ण जी ने संदेश दिया, गीता के माध्यम से मतलब कर्म किए जाओ, वहां पर आप बैठे का पैसा देने की जो होड़ मचा रहे हैं? तो जाएगा कहां प्रदेश?
बृजेंद्र प्रताप सिंह - देखिए क्या होता है? पैसा यदि खूब किसी के पास हो और यदि वह कर्म से हीन है, कर्म ही नहीं करना चाहता तो वह जल्दी गरीब हो जाता है। यह कलयुग में हमने बहुत देखे हैं बहुत से लोग और जो काम करने वाला व्यक्ति है। आप यदि उसको आप कुछ भी नहीं दो तो वह मेहनती है और सजग है तो वही आप से बड़ा आदमी हो जाता है। तो इसलिए हम एक सपोर्टिव बेब मैं मदद कर रहे हैं कि उनका जो स्तर है आज वह स्तर नीचे ना जाए। घर परिवार में यदि कोई महिला है और यदि वह अपनी किसी रिश्तेदारी में जाती थी यदि वह अपने परिवार के मुखिया से किसी से अपने पतिदेव से पैसे मांगती थी तो बड़ी हीन भावना का शिकार होना पड़ता था। कुछ बातें उसको सुनने भी पड़ती थी, लेकिन आज उसके सम्मान से चेहरे देखिए। आप 1000 कोई बड़ी रकम नहीं है, लेकिन आज उस गरीब के लिए परिवार के लिए बड़ी कीमत है।
हिमांशु द्विवेदी - नारी का सम्मान तो बढ़ गया, आप के वोट कितने बड़े यह सवाल है?
मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह - मैं आपको बताना चाहता हूं कि हम वोट से कभी कम नहीं रहे, वह तो हमें ज्यादा मिले थे, थोड़ा अंक गणित में हम फेल हो गए थे, हमारे थिंकिंग हट गई थी, लेकिन वोट तो हमें उस समय भी ज्यादा मिले थे और हमें निरंतर वोट आगे बढ़े हैं। कभी नीचे नहीं गए।
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