जेनेरिक दवाइयां नहीं लिखने पर हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी, केंद्र और राज्य सरकार से मांगा जवाब

जेनेरिक दवाइयां नहीं लिखने पर हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी, केंद्र और राज्य सरकार से मांगा जवाब
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7 जून को वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए शासन को तलब भी किया है। शासन को उपस्थित होकर बताना होगा कि डॉक्टर जेनेरिक मेडिसिन क्यों नहीं लिख रहे हैं। पढ़िए पूरी खबर-

ग्वालियर। जेनेरिक दवाइयां ना लिखने पर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने नाराजगी जताई है। साथ ही केंद्र सरकार, राज्य सरकार और ड्रग कंट्रोलर से इस संबंध में जवाब मांगा है। कोर्ट ने महंगी दवाएं आम लोगों के खरीदने के मामले में गंभीर चिंता जाहिर की है। 7 जून को वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए शासन को तलब भी किया है। शासन को उपस्थित होकर बताना होगा कि डॉक्टर जेनेरिक मेडिसिन क्यों नहीं लिख रहे हैं? कंपनियों के ब्रांड क्यों लिखे जा रहे हैं?

कोर्ट ने शासन से इस मामले में जवाब मांगा। इस पर केंद्र और राज्य शासन ने इस मामले पर जवाब देने के लिए समय मांगा, लेकिन याचिकाकर्ता ने आपत्ति करते हुए कहा कि पिछले एक साल से समय ले रहे हैं, लेकिन जवाब नहीं दे रहे हैं। जेनेरिक में जो टेबलेट 3 से 5 रुपये की मिल सकती है, वहीं दवा कंपनी ब्रांड के नाम से 20 से 25 रुपए की मिल रही है।

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