उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा- मैं आत्महत्या कर लूं?, अतिथि विद्वानों पर भड़के

• उपचुनाव से पहले अगस्त में मध्यप्रदेश सरकार ने अतिथि विद्वानों को लेकर बड़ा ऐलान किया था
• एक महीना बीत जाने के बाद भी अतिथि विद्वानों की दोबारा नियुक्ति को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया
• अतिथि विद्वानों ने जब मंत्री यादव से कहा कि उनके पांच साथी अब तक आत्महत्या कर चुके हैं तो वे भड़क गए
भोपाल। मध्यप्रदेश में फालेन आउट अतिथि विद्वान दोबारा नियुक्ति करने की मांग कर रहे हैं। इसी विषय में शनिवार को प्रदेश के अलग-अलग जिलों से अतिथि विद्वान उच्च शिक्षा मंत्री से मिलने पहुंचे। इस बीच नियमितीकरण की मांग को लेकर अतिथि विद्वानों और उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव के बीच रविवार को बहस हो गई। अतिथि विद्वानों ने जब मंत्री यादव से कहा कि उनके पांच साथी अब तक आत्महत्या कर चुके हैं तो वे भड़क गए। उन्होंने कह दिया कि क्या मैं भी अब आत्महत्या कर लूं, मैं इस मामले में क्या कर सकता हूं। मंत्री इसके बाद भी नहीं रुके और अतिथि विद्वानों को फटकार लगाते रहे।
अतिथि विद्वान महासंघ के पदाधिकारी मंत्री यादव से मिलने भोपाल में उनके चार ईमली स्थित बंगले पहुंचे थे। इस दौरान महासंघ अध्यक्ष देवराज सिंह ने मंत्री को बताया कि अतिथि विद्वानों को नियमित नहीं किया जा रहा है। अब भी पूरे प्रदेश में करीब एक हजार ऐसे अतिथि विद्वान हैं, जिन्हें कॉलेजों में नौकरी नहीं मिल सकी है, जबकि कांग्रेस सरकार में जब अतिथि विद्वानों ने धरना दिया था तो वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने धरना स्थल पर आकर उनसे मुलाकात की थी। साथ ही आश्वासन दिया था कि भाजपा की दोबारा सरकार बनते ही उनकी हर मांग को पूरा किया जाएगा, लेकिन अब मांग पूरी करना तो दूर कोई मिलना तक नहीं चाहता।
पांच अतिथि विद्वानों की आत्महत्या की बात सुनते ही मंत्री भड़क गए। कहासुनी के बाद मंत्री तो अंदर चले गए, लेकिन अतिथि विद्वान काफी देर तक बंगले के बाहर धरने पर बैठे रहे। कुछ देर बाद मंत्री ने दोबारा बाहर आकर उनसे मुलाकात की। साथ ही आश्वासन दिया कि वे विभाग स्तर से प्रक्रिया पूरी कर चुके हैं। अब इस मामले में वे मुख्यमंत्री चौहान से चर्चा कर कोई हल निकालने की कोशिश करेंगे। महासंघ अध्यक्ष देवराज सिंह ने कहा कि फिलहाल मंत्री ने हमारी मांग पर जल्द कार्रवाई का आश्वासन दिया है, जिसके बाद धरना खत्म कर दिया है।
बता दें कि उपचुनाव से पहले अगस्त में मध्य प्रदेश सरकार ने अतिथि विद्वानों को लेकर बड़ा ऐलान किया था। शिवराज सरकार ने कहा था कि हटाए गए सभी 1800 अतिथि विद्वानों को शिवराज सरकार वापसी का मौका देने जा रही है। 1800 फालेन आउट अतिथि विद्वानों में से करीब 975 रिक्त पदों पर फिर से अध्यापन शुरू कर सकेंगे। अतिथि विद्वानों के लिए 2020-21 में पढ़ाने के लिए कैलेंडर भी जारी कर दिया गया था। एक महीना बीत जाने के बाद भी अतिथि विद्वानों की दोबारा नियुक्ति को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है, जिसे लेकर विपक्ष ने भी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS