MP में हिजाब पर एक बार फिर सियासत हुई तेज, ड्रेस कोड को लेकर स्कूल शिक्षा मंत्री ने दिया बड़ा बयान

भोपाल : मध्यप्रदेश में एक बार फिर हिजाब को लेकर सियासत शुरू हो गई है। हाल ही में मध्य प्रदेश के दमोह के प्राइवेट स्कूल का एक पोस्टर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। जिसमें हिंदू नाम की लड़िकयों का हिजाब पहने फोटो छपा हुआ है। अब इस मामले ने तूल पकड़ लिया है। जहां एक तरफ राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष ने इस मामले को उठाया तो वही दूसरी तरफ स्कूल शिक्षा मंत्री ने इस मामले में बड़ा बयान सामने आया है।
ड्रेस कोड को लेकर एक नीति बनना चाहिए
जिसमे शिक्षा मंत्री ने कहा कि एमपी में ड्रेस कोड के लिए कोई नियम नहीं है. कोई भी स्कूल अपने हिसाब से ड्रेस कोड तय कर सकता है। जिसके बाद से मंत्री जी की चर्चा चारों तरफ हो रही है।मामले की गंभीरता को देखते हुए अब मंत्री इंदर सिंह परमार ने अपने बयान से पल्ला झाड़ लिया है। हाल हे में दिए बयान में मंत्री जी ने कहा ड्रेस कोड को लेकर एक नीति बनना चाहिए।
मैं सभी स्कूल में एक ड्रेस लागू के पक्ष में हूं. इस मामले के जांच के निर्देश दिए हैं. परिवार और बच्चों को बुलाकर पूछताछ की जाएगी. मामले जो दोषी पाया जाएगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी. ऐसे स्कूल में परिजन अपने बच्चे को न भेजें, जहां इस तरह की शिक्षा दी जाती है। अगल दिशा देने वाले स्कूलों में बच्चों को न भेजें।
गृहमंत्री ने दिए जांच के आदेश
इस मामले को लेकर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि हमने जांच के लिए मैंने एसपी को निर्देश दिए हैं। साथ ही जिला शिक्षा अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं। बच्चियों की परिवारों के तरफ से कोई शिकायत अभी तक सामने नहीं आई है।
ट्वीट कर आरोपों को बताया गलत
दमोह कलेक्टर मयंक अग्रवाल ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि गंगा जमुना स्कूल के पोस्टर को लेकर कुछ लोगों द्वारा भ्रम फैलाई जा रही है। थाना प्रभारी कोतवाली और जिला शिक्षा अधिकारी से जांच कराए जाने पर आरोप गलत पाए गए. जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी है. ट्वीट के नीचे एसपी ने रिट्वीट कर लिखा है कि जांच पर आरोप सिद्ध नहीं हुए हैं।
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