हनीट्रैप केस : फिर बदले जायेंगे एसआईटी चीफ, इन्हें सौंपी जा सकती है कमान

हनीट्रैप केस : फिर बदले जायेंगे एसआईटी चीफ, इन्हें सौंपी जा सकती है कमान
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तो 4 दिन पहले हाईकोर्ट को बंद लिफाफे में हनी ट्रैप के आरोपियों के करीबी अफसरों के नामों को कोर्ट को सौंपे। पढ़िए पूरी खबर-

भोपाल। हनी ट्रैप मामले की जांच के लिए गठित की गई एसआईटी के चीफ फिर बदले जाएंगे। दरअसल एसआईटी के चीफ स्पेशल डीजी राजेंद्र कुमार 31 अगस्त को रिटायर हो रहे हैं। ऐसे में एसआईटी का नया चीफ कौन होगा ? इसे लेकर चर्चाएं जोरो पर हैं। हाईकोर्ट तय करेगी की नया चीफ कौन होगा या तो कोर्ट अपने हिसाब से नया चीफ तय करेगी या सरकार के सुझाये नामों में से किसी को चीफ बनाया जा सकता है।

प्रदेश के बहुचर्चित मामले हनीट्रैप की जांच कर रही एसआईटी के चीफ को एक बार फिर से बदला जा रहा है। एसआईटी के चीफ राजेंद्र कुमार 31 अगस्त को रिटायर हो रहे हैं। संभावना है कि कोर्ट एसआईटी के सदस्य एडीजी मिलिंद का नाम तय कर दे, हालांकि ये बात भी सामने आ रही है कि, सरकार की सिफारिश पर स्पेशल डीजी अरुणा मोहन राव को भी चीफ़ की जिम्मेदारी सौंप दी जाए। इससे पहले कई बार हनी ट्रैप मामले की जांच कर रही एसआईटी के चीफ को बदला जा चुका है, पुलिस मुख्यालय ने जब सबसे पहले एसआईटी बनाई तो आईजी डी.श्रीनिवास वर्मा को चीफ बनाया गया।

इन्हें बनाया गया था एसआईटी चीफ

24 घंटे में ही सरकार ने वर्मा की जगह डीजी संजीव शमी को इसकी कमान सौंप दी। मामला गरमाया तो सरकार ने 3 सदस्य एसआईटी का गठन करते हुए स्पेशल डीजी राजेंद्र कुमार को चीफ बना दिया। इस टीम में एडीजी मिलिंद कानस्कर और तत्कालीन डीआईजी इंदौर रुचि वर्धन मिश्रा को रखा गया था।

लगातार एसआईटी चीफ बदले जाने पर हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देश दिए थे कि कोर्ट की अनुमति के बिना एसआईटी में बदलाव नहीं किया जाएगा, जिसके बाद अब हाई कोर्ट तय करेगा कि एसआईटी का चीफ कौन होगा ? इस दौड़ में एडीजी मिलिंद कानस्कर का नाम चल रहा है तो वहीं एडीजी अरुण मोहन राव को भी ये जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। सरकार ने कई नाम हाईकोर्ट को दिए है, जिसके बाद अब कोर्ट एसआईटी के चीफ का नाम तय करेगी।

हनीट्रैप मामले की जांच की बात करें तो 4 दिन पहले हाईकोर्ट को बंद लिफाफे में हनी ट्रैप के आरोपियों के करीबी अफसरों के नामों को कोर्ट में सौंपे गए। जानकारी के अनुसार इनमें प्रदेश के कई आईएएस अधिकारियों समेत 44 लोगों के नाम आरोपियों के करीबी के तौर पर लिए जा रहे हैं। मामले में अगली सुनवाई 13 अगस्त को होनी है। बहरहाल अब देखने वाली बात है कि कौन एसआईटी का नया चीफ होता है।

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