JABALPUR NEWS: मानवता हुई शर्मशर ! मृत बच्चे के इलाज के नाम पर डॉक्टर लूटते रहे पैसे, परिजनों ने की जांच की मांग

जबलपुर: मध्य प्रदेश के जबलपुर से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। एक 11 साल बच्चे के परिजनों ने अस्पताल के स्टाफ पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि बच्चे की मौत के बाद भी डॉक्टर उसका इलाज करते रहे। मिली जानकारी के अनुसार यह मामला जबलपुर के आयुष्मान चिल्ड्रन हॉस्पिटल का है।जहां ग्यारह वर्षीय बच्चा जिसका नाम आसियान खान था। उसकी अचानक तबीयत बिगड़ गई जिसके बाद परिजन उसको इलाज के लिए आयुष्मान चिल्ड्रन हॉस्पिटल लेकर गए। जिसके1 घंटे के बाद बच्चे की मौत हो गई।
परिजनों ने कहा स्टाफ की लापरवाही से गई बच्चे की जान
जिसके बाद परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा कर तोड़फोड़ किया। परिजनों का कहना है कि अस्पताल स्टाफ की लापरवाही की वजह से बच्चे की जान गई। इस बारे में बात करते हुए परिजन शमशेर अली ने बताया की बच्चे को बुखार आ जाने के कारण कल तीन बजे उसे आयुष्मान हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। करीब 90 हजार रुपए खर्च करने के बावजूद आशियान की हालत नहीं सुधरी तो परिजन ने डॉक्टर से उसे मेडिकल अस्पताल ले जाने की बात कही। लेकिन डॉक्टर का कहना था कि आपका बच्चा जल्दी ठीक हो जाएगा, बस आप पैसों का इंतजाम करते रहिए और दवाइयां लाते रहिए। जिसके बाद बच्चे की मौत हो गई।
अस्पताल के प्रबंधन ने आरोपों को बताया गलत
आयुष्मान अस्पताल के प्रबंधन ने शमसीर के आरोप को गलत बताया है। अस्पताल प्रबंधक प्रतीक जैन का कहना है कि आशियान के दिल में गंभीर रोग था। वह 15% ही काम कर रहा था। एक एमडी डॉक्टर बच्चे की निगरानी में लगातार उपस्थित थे। शाम होते-होते बच्चे की सांसें उखड़ने लगीं। उसे वेंटिलेटर पर भी रखा गया था। बच्चे की गंभीर स्थिति के बारे में रात से ही उसके परिजन को बताया जा रहा था। इसके साथ ही डॉक्टर का कहना है कि परिजन ये कोशिश कर रहे है कि उनहेर किसी भी तरह से बिल का भुगतान न करना पड़े। दवाइयों का भी केवल आधा भुगतान किया गया। शेष राशि जमा करने से इनकार कर दिया गया । फ़िलहाल पुलिस ने मर्ग पंचनामा कार्यवाही कर मामले की जांच कर शुरू कर दी है।
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