IISER Bhopal : शोधकर्ताओं ने चोटिल अंगों को चिपकाने पारदर्शी सुरक्षित बायोमेडिकल पदार्थ विकसित किए

IISER Bhopal : शोधकर्ताओं ने चोटिल अंगों को चिपकाने पारदर्शी सुरक्षित बायोमेडिकल पदार्थ विकसित किए
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भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान भोपाल (IISER) के शोधकर्ताओं ने शरीर के चोटिल अंगों को चिपकाने पारदर्शी, सुरक्षित, बायोमेडिकल पदार्थ विकसित किया है।

भोपाल। भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान भोपाल (IISER) के शोधकर्ताओं ने शरीर के चोटिल अंगों को चिपकाने पारदर्शी, सुरक्षित, बायोमेडिकल पदार्थ विकसित किया है। इस पदार्थ में सूखी और गीली दोनों स्थितियों में ऊतकों की क्षति को सील करने और ठीक करने की क्षमता है। इसको बनाने के लिए अतिरिक्त रसायनों या धातु आयनों की आवश्यकता नहीं होती है, बल्कि यह पदार्थ खुद ही एक पारदर्शी चिपचिपी फिल्म बनाते हैं।यह पदार्थ घायल अंगों और विच्छेदित ऊतकों को प्रभावी ढंग से सील और ठीक कर सकता है। हवा और पानी दोनों ही परिस्थितियों में ऊतकों, हड्डियों, अंडे के छिलके और लकड़ी जैसी विभिन्न सतहों को जोड़ने में सक्षम है। इसके लिए इसको किसी अतिरिक्त क्रॉसलिंकिंग एजेंट या धातु आयन की आवश्यकता नहीं होती है।

आशीष श्रीवास्तव का विशेष योगदान

इस शोध के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए आईआईएसईआर भोपाल के रसायन विज्ञान विभाग के संकाय प्रभारी प्रोफेसर आशीष श्रीवास्तव ने कहा कि चिपकने वाला बायोमेडिकल पदार्थ एक ऐसी सीलिंग सामग्री हैं, जो ऊतकों की मरम्मत करने में मदद करते हैं। इस शोध का नेतृत्व आईआईएसईआर भोपाल के रसायन विज्ञान विभाग के फैकल्टी प्रोफेसर आशीष श्रीवास्तव द्वारा किया। वहीं शोध में जीडी गोयनका विश्वविद्यालय हरियाणा के स्कूल ऑफ मेडिकल एंड अलाइड साइंसेज और आईआईएसईआर भोपाल के पोस्टडॉक्टोरल शोधकर्ता डॉ. तन्मय दत्ता का विशेष सहयोग रहा है।इस शोध के नतीजों को प्रतिष्ठित जर्नल केमिस्ट्री - ए यूरोपियन जर्नल में प्रकाशित किया गया है।

इन सामग्रियोंं में कुछ कमियों भी हैं

प्रोफेसर श्रीवास्तव के अनुसार अतीत में चिकित्सा के क्षेत्र में ऊतकों को जोड़ने के लिए बायोमिमेटिक (जैव अनुप्रेरित) चिपकने वाले पदार्थ के रूप में विकसित और लागू किया गया है। वे कहते हैं कि हालांकि, इन चिपकने वाली सामग्रियोंं में कुछ कमियों भी नजर आती हैं। उदाहरण के लिए, बायोमिमेटिक चिपकने वाले पदार्थ जोकि फाइब्रिन, कोलेजन, जिलेटिन और चिटोसन जैसे प्राकृतिक पॉलिमर से बने होते हैं, इनमें प्रतिरक्षातंत्र की प्रतिक्रियाओं को ट्रिगर करने का जोखिम होता है, और सौंदर्य प्रसाधन और सतही ऊतकों को ठीक करने में हमेशा उपयोगी नहीं होते हैं।

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