मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में कोरोना से मृत विवाहित वारिसों को नहीं मिल रही अनुग्रह राशि, जानिए कितने आवेदन अटके

भोपाल। शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में कोरोना से मृत हुए लोगों के परिवारों को पचास हजार रुपए की अनुग्रह राशि दी जा रही है। यह राशि अप्रैल 2020 से लेकर अब तक कोरोना की वजह से हुई मौतों पर दी जाएगी। यह राशि मृतक के वारिसों को दी जा रही है। सोमवार तक जिले में सौ से अधिक ऐसे आवेदन आए हैं, जिसमें अनुग्रह राशि लेने वाले वारिस विवाहित हैं, जिसकी वजह से इन आवेदकों की राशि अटक गई है। इधर अब तक जिले में करीब 14 सौ मृतकों के परिजनों को अनुग्रह राशि बांट दी गई है।
मांगा जा रहा है मार्गदर्शन
पिछले छह महीने से कोरोना से मृत हुए लोगों के वारिस अनुग्रह राशि के लिए कलेक्टोरेट के चक्कर काट रहे थे। आदेश के बाद जिला प्रशासन ने अब तक करीब 14 सौ लोगों के बैंक अकाउंट में राशि ट्रांसफर कर दी है। जिला कलेक्टोरेट की राहत शाखा में अब तक करीब 1800 आवेदन आए हैं। डिप्टी कलेक्टर अंकिता त्रिपाठी ने बताया कि मृतकों के वारिस में जिन लोगों ने आवेदन किए हैं, उनके विवाहिता होने की वजह से मार्गदर्शन मांगा जा रहा है। आवेदन आने का सिलसिला जारी है।
तहसील में कर सकते हैं आवेदन
आवेदन अन्य दस्तावेजों के साथ जिला कलेक्टोरेट में दिया जा सकता है। तहसील दफ्तरों में भी अनुग्रह राशि के लिए आवेदन किया जा सकता है। इन दस्तावेजों में डेथ सर्टिफिकेट में कोरोना से मृत्यु नहीं लिखा होने पर इस मामले को जिला स्तरीय कमेटी में भेजा जाएगा, जो एक महीने में इस पर फैसला लेगी। अनुमान लगाया जा रहा है जिले में करीब दो हजार हजार मृतकों के वारिसों को अनुग्रह राशि दी जानी है।
जिले में अब तक 979 कोरोना मृतक
राजधानी में अब तक 979 लोगों की कोरोना संक्रमण से मौत हुई है, जिन्हें पचास हजार रुपए के हिसाब से 4 करोड़ 89 लाख 50 हजार रुपए की अनुग्रह राशि दी जानी है। जिसके तहत ऐसे लोग जिनकी आरटीपीसीआर और रैपिड जांच के एक महीने में मृत्यु हुई हो। जिनके मृत्यु प्रमाण पत्र में कोरोना से मौत दर्ज नहीं है, वह भी आवेदन कर सकते हैं।
यह दस्तावेज करना पड़ेंगे पेश
- निर्धारित प्रोफार्मा में आवेदन
- मृतक का मृत्यु प्रमाण पत्र और आईडी प्रूफ की प्रमाणित प्रति
- वारिसान का आईडी प्रूफ की प्रमाणित प्रति
- मृतक के दावेदार के बीच संबंध का प्रमाण की प्रमाणित प्रति
- आरटीपीसीआर या आरएटी जांच रिपोर्ट कम से कम दो डॉक्टरों के हस्ताक्षर वाली
- अस्पताल से मिला डॉक्टरों का डेथ सर्टिफिकेट अगर हो तो
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