राजधानी भोपाल के प्रमुख अस्पतालों में मरीज ज्यादा, फिजियोथैरेपिस्ट कम, उठी यह मांग

भोपाल। मध्य प्रदेश के फिजियोथैरेपिस्ट बहुत लंबे समय से स्वतंत्र फिजियोथैरेपी काउंसलिंग की मांग कर रहे हैं। इस संबंध में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग को ज्ञापन सौंपा जा चुका है। ज्ञापन देने के बाद मुख्यमंत्री ने भी स्वतंत्र फिजियोथैरेपी काउंसलिंग के गठन की घोषणा की थी। भोतिक चिकित्सक कल्याण संघ के मीडिया प्रभारी डॉ. सुनील पांडेय ने बताया कि संघ के पदाधिकारी से लेकर छात्र भी स्वतंत्र फिजियोथैरेपी काउंसलिंग गठन की मांग कर रहे हैं। अन्य राज्यों में काउंसलिंग का गठन हो चुका है। अब मप्र में भी इसका गठन किया जाए।
0 इन्हें होती है फिजियोथैरेपी की जरूरत
- आईसीयू में या लंबे समय तक अस्पताल में भर्ती मरीज
- उठने बैठने, चलने में असमर्थ मरी
- न्यूरोलॉजी डिपार्टमेंट में भती लकवाग्रस्त मरीज
- मस्तिक और रीढ़ की आर्थोपेडिक विभाग के मरीज
- हड्डी संबंधी बीमारियों के मरीज को आॅपरेशन के तुरंत बाद बाहर करने के लिए
0 कोरोना में बढ़ी डिमांड
- कोरोना काल में हमीदिया और जेपी अस्पताल में 1 हजार से अधिक मरीज आते थे। तब फिजियोथैरेपिस्टकी मांग बढ़ी थी, लेकिन दोनों जगह एक ही फिजियोथैरेपिस्ट होने के कारण मरीजों को सुविधा नहीं मिली।
0 काउंसलिंग गठन के बाद यह होगी स्थिति
- फिजियोथैरेपी काउंसलिंग के गठन हो जाने के बाद राज्य के फिजियोथैरेपिस्ट का अलग से पंजीयन हो सकेगा।
- इससे क्वालिफाइड फिजियोथैरेपिस्ट की पहचान हो सकेगी
- साथ ही राज्य की जनता को उचित गुणवत्ता युक्त फिजियोथैरेपी उपचार मिल सकेगा
- काउंसलिंग के गठन से राज्य में झोलाछाप फिजियोथैरेपिस्ट और फिजियोथैरेपिस्ट पर लगाम लग सकेगी।
- इसके अलावा राज्य में फिजियोथैरेपी चिकित्सा क्षेत्र में लाभ होगा
- यह विधेयक फिजियोथैरेपी प्रोफेशन को रेगुलेट करेगा जो सदस्य इसके नियमों का उल्लघंन करेंगे उनके लिए दंड का प्रावधान होगा।
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