कई प्रदेशों में 7 मार्च को सूर्यास्त से पहले ही समाप्त हो जाएगी पूर्णिमा, जानिए कहां, कब होगा हालिका दहन

भोपाल। हिंदू पंचांग के अनुसार प्रदोष व्यापिनी फाल्गुन पूर्णिमा में होलिका दहन किया जाता है। इस साल पूर्णिमा तिथि 06 मार्च दोपहर 4 बजकर 17 मिनट से आरंभ होकर 07 मार्च की शाम को 06 बजकर 09 मिनट तक रहेगी। भारत में सूर्यास्त 06 बजकर 09 मिनट के बाद होगा। ऐसे में 06 मार्च को वहां पर होलिका दहन होगा, जिन राज्यों में सूर्यास्त 06.09 मिनट से पहले होगा। जहां सूर्यास्त इसके बाद वहां होलिका दहन 07 मार्च को किया जाएगा। केंद्र सरकार ने 07 और 08 मार्च को होलिका दहन और होली का अवकाश घोषित किया है।
कई प्रदेशों में यह होगी स्थिति
पंचाग के अनुसार कई प्रदेशों में 07 मार्च को सूर्यास्त से पहले ही पूर्णिमा समाप्त हो जाएगी। जिससे प्रदोषकाल में पूर्णिमा का अभाव रहेगा। वहीं 06 मार्च को पूर्णिमा प्रदोषकाल में व्याप्त रहेगी। ऐसे में राजस्थान में 06 मार्च को होलिका दहन और 07 मार्च को धुलेंडी खेली जाएगी।
6 मार्च को इन राज्यों में होगी होलिका दहन
राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर-पश्चिमी मध्यप्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल में 6 मार्च को होलिका दहन किया जाएगा।
7 मार्च को इन प्रदेशों में होलिका दहन
पूर्वी उत्तर प्रदेश, पूर्वी मध्यप्रदेश, उत्तर पूर्वी छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार, उड़ीसा, असम सहित सभी पूर्वी राज्यों में 7 मार्च को होलिका दहन है।
होलिका दहन का शुभ मुहूर्त
फाल्गुन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 06 मार्च को दोपहर 02.47 मिनट होगा। वहीं, समापन 07 मार्च को दोपहर 04.39 मिनट पर हो जाएगा। भद्रा 6 मार्च की शाम से शुरू होगी और 7 मार्च की शाम तक रहेगी।
होलिका दहन को लेकर कुछ ज्योतिषियों की यह भी राय
ज्योतिषाचार्यो की मानें तो पूर्णिमा तिथि 6 मार्च को शाम 6 बजकर 17 मिनट पर शुरू हो जाएगी और 7 मार्च 2023 मंगलवार 06:09 मिनट तक रहेगी। लेकिन होलिका दहन 7 मार्च को किया जाएगा। होलिका दहन के लिए शुभ समय 7 मार्च 2023 को शाम 6:24 मिनट से रात 8:51 मिनट तक है। इसके बाद 8 मार्च को रंगों की होली खेली जाएगी। स्मृतिसार नामक शास्त्र के मुताबिक जिस वर्ष फाल्गुन की पूर्णिमा तिथि दो दिन के प्रदोष को स्पर्श करे, तब दूसरी पूर्णिमा यानी अगले दिन में होली जलाना चाहिए। इस बार भी पूर्णिमा तिथि 6 मार्च और 7 मार्च दोनों दिन प्रदोष काल को स्पर्श कर रही है, ऐसे में 7 मार्च को होलिका दहन करना शुभ होगा।
6 मार्च को इसलिए नहीं जलेगी होली
6 मार्च को होलिका दहन न होने का एक और कारण ये है कि इस दिन पूर्णिमा तिथि पर भद्रा का साया रहेगा। 6 मार्च सोमवार में शाम 4:18 मिनट से भद्रा शुरू हो जाएगी और 7 फरवरी 2023 को सुबह 05:15 बजे तक रहेगी। भद्रा का वास भी पृथ्वीलोक में होगा। भद्रा के दौरान किसी भी तरह के शुभ काम करना वर्जित होता है, वरना उसके अशुभ परिणाम झेलने पड़ सकते हैं। निर्णय सिंधु ग्रंथ में लिखा है कि भद्रा में अगर होली जलायी जाए तो देश को बड़ी हानि हो सकती है और देशवासियों को बड़े भयानक कष्ट का सामना करना पड़ सकता है। 7 मार्च की पूर्णिमा तिथि भद्रामुक्त होगी, ऐसे में 7 मार्च को ही होलिका दहन किया जाना चाहिए।
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