होली के सीजन में रेलवे ने बढ़ाने की बजाए ट्रेनों में कम कर दी स्लीपर क्लास की बोगियां, यात्री हो रहे परेशान

भोपाल। रेलवे की ओर से होली के त्योहारी सीजन में ट्रेनों में कोचों की संख्या बढ़ाने की वजह कम कर दी। इस वजह से सफर के दौरान यात्रियों को खासी परेशानी हो रही है। ऐसा ही मामला भोपाल से रीवा के बीच चलने वाली सबसे अधिक डिमांड वाली गाड़ी संख्या 12185/12186 रेवांचल एक्सप्रेस में देखने को मिला है। यह ट्रेन पहले 13 स्लीपर कोच के साथ संचालित की जा रही थी। लेकिन वर्तमान में रेलवे की ओर से इसमें सात कोच कम दिए। इसके चलते यह ट्रेन वर्तमान में छह स्लीपर कोच के साथ संचालित हो रही है। इससे ट्रेन में यातायात दवाब व वेटिंग लिस्ट भी बढ़ रही है। इसके चलते यात्रियों को ट्रेन के गेट व पंखे पर लटकर सफर करना बढ़ रहा है। इस संबंध में यात्रियों द्वारा रेलवे को शिकायत की है। जिस पर रेलवे ने तकनीकी मामला बताकर यात्रियों की सुविधा के लिए खेद पकड़ कर दिया है। सूत्रों का कहना है कि स्पेशल ट्रेनों को फायदा पहुंचाने के लिए रेलवे की ओर से यह कदम उठाया गया।
जानकारी के अनुसार गाड़ी संख्या 12185/12186 रेवांचल एक्सप्रेस सात स्लीपर कोच कम किए जाने नाराज शिवेश शर्मा नामक व्यक्ति ने मामले की शिकायत रेलवे से थी। इस के जवाब में भोपाल रेल मंडल के अधिकारियों ने असुविधा के लिए खेद जताते हुए कहा कि यह एक नीतिगत विषय है। रेलवे सूत्रों के अनुसार पमरे जोन व भोपाल रेल मंडल की ट्रेनें नहीं देशभर के अन्य जोन व मंडलों की ट्रेनों में भी स्लीपर कोचों की संख्या कम की गई है। जिससे रेलवे की ओर से त्योहारी सहित अन्य सीजन में चलाई जाने वाली स्पेशल ट्रेनों में यात्री भार मिल सके। दरअसल इन ट्रेनों में रेलवे की ओर से यात्रियों से 15 से 30 फीसदी तक अधिक किराया वसूला जाता है।
पुष्पक एक्सप्रेस में झूला बंधकर यात्री कर रहे सफर
ट्रेनों त्योहारी सीजन में स्लीपर कोचों की संख्या नहीं बढ़ाने यात्रियों को एक तरफ होली पर घर जाने के दौरान परेशानी का सामना करना पड़ता था। तो वहीं वापसी में भी मुश्किल कम होने का नाम नहीं ले रही है। ऐसा ही नजारा भोपाल से गुजरने वाली पुष्पक एक्सप्रेस में देखने को मिला। इस ट्रेन के स्लीपर कोच में यात्री पंखे से चादर का झूला बंधकर सफर करते नजर आए। इस संबंध में पमरे जोन के सीपीआरओ राहुल श्रीवास्तव से बात करने की कोशिश की गई। लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS