इंदौर : नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले में धरपकड़ जारी, दर्जन भर से ज्यादा की हो चुकी है गिरफ्तारी

इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर में विजय नगर पुलिस लगातार नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी में लिप्त आरोपियों की धरपकड़ जारी है। पुलिस ने अब तक एक दर्जन से अधिक आरोपियों को इस कालाबाजारी के अपराध में गिरफ्तार कर चुकी है। वहीं पुलिस जल्द ही मुख्य आरोपियों सुनील मिश्रा, पुनीत शाह, कौशल वोरा को गुजरात से इंदौर लाकर पूछताछ करेगी। सुनील मिश्रा मूल रूप से मध्य प्रदेश के रीवा जिले के रहने वाला है। यूपीएससी प्री क्लियर कर चुका है, मेंस क्लियर नहीं कर पाया था। वर्तमान में इंदौर में व्यवसाय कर रहा था। उसका परिवार इंदौर में रहता है आरोपी मिश्रा ने गुजरात के मोरबी में नकली फैक्ट्री के मालिक पुनीत शाह और कौशल वोरा से संपर्क किया।
मध्य प्रदेश में 3 हजार से अधिक नकली इंजेक्शन बेचे गये, जिसमें से करीब 700 इंजेक्शन इंदौर शहर में खपाया गया है। इंदौर की विजयनगर पुलिस ने कुछ दिनों पहले नकली इंजेक्शन की कालाबाजारी में एक आरोपी को पकड़ा था, जिसकी सूचना पर पुलिस ने एक के बाद एक कई लोगों से हिरासत में लेकर पूछताछ की। इसके बाद मुख्य आरोपी सुनील मिश्रा, पुनीत और कौशल तक जा पहुंचे। विजनगर थाना प्रभारी तहजीब काजी ने गुजरात के सूरत पुलिस से संपर्क किया और मरोबी में ग्लूकोज और नमक से बन रही नकली इंजेक्शन बनाने की फैक्ट्री पर छापा मारकर तीनों आरोपियों को इंजेक्शन सहित गिरफ्तार कर लिया। फैक्ट्री फार्म हाउस पर संचालित था। विजय नगर पुलिस की जांच लगभग उन सभी पीड़ित परिवार तक पहुंच चुकी है, जिन्होंने नकली इंजेक्शन खरीदे थे। अब तक करीब 50 लोग के बयान दर्ज हो चुके हैं। 3 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। पुलिस को एक बड़ी सफलता गुरुवार को हाथ लगी 700 में से 100 नकली इंजेक्शन की खेप बेचने वाले एक आरोपी यूथ कांग्रेस का जिला उपाध्यक्ष प्रशांत पाराशर को गिरफ्तार किया है, जो पेशे से इंजीनियर है और सब इंस्पेक्टर की तैयारी कर रहा था। पुलिस पूछताछ में उसने बताया कि सुनील मिश्रा से उसने खरीदे थे और इंदौर जिले से बाहर बेचे। प्रशांत पाराशर यूथ कांग्रेस से जुड़ा सक्रिय नेता है, सागर में यूथ कांग्रेस का उपाध्यक्ष भी रह चुका है।
मूल रूप से मध्य प्रदेश का रहने वाला आरोपी सुनील मिश्रा यूपीएससी क्लियर नहीं कर पाया तो लॉकडाउन में पिछले साल ग्लब्स, मास्क सैनिटाइजर मेडिकल उपकरण से जुड़े चीजों का व्यापार करने लग गया। उसी क्रम में उसकी मुलाकात गुजरात के पुनीत शाह और कौशल वोरा से हुई। पुनीत और कौशल ने उसे 8 अप्रैल को संपर्क किया और फैक्ट्री में नकली इंजेक्शन बनाने का कारोबार शुरू करने की प्लानिंग कर ली। 20 अप्रैल को सुनील मिश्रा गुजरात से 700 नकली इंजेक्शन लेकर मध्यप्रदेश आया जिसमें 200 इंजेक्शन इंदौर में 500 इंजेक्शन जबलपुर भेज दिया। 26 अप्रैल को दोबारा 500 जंक्शन इंदौर के लिए लेकर आया और इंदौर में बेच दिया। उसने 500 इंजेक्शन खुद और 100 प्रशांत पाराशर (यूथ कांग्रेस के नेता) और 100 दवा व्यापारी आशीष ठाकुर को बेचा।
आरोपी प्रशांत पाराशर ने 100 नकली इंजेक्शन बेचे,जो उसने आरोपी मिश्रा से खरीदे थे। सुनील मिश्रा ने दवा बाजार के दलाल चीकू सुनील लोधी की मदद से मेडिकल संचालक आशीष ठाकुर को 100 इंजेक्शन बेचे थे, बाद में आशीष ठाकुर ने इसी नकली इंजेक्शन को दूसरे मेडीकल संचालक गौरव केसवानी को बेचे। गौरव केसवानी ने सांवेर छोलाछाप डॉक्टर सरवर खान और दवा बाजार के मेडिकल दुकान में काम करने वाले गोविंद को बेचे। एक के बाद एक सभी आरोपियों की कड़ी पूछताछ में मिलती गई और फिलहाल सभी आरोपी पुलिस की हिरासत में है। आशीष ठाकुर, सुनील लोधी, चीकू, प्रशांत पाराशर, गोविंद गुप्ता, गौरव केसवानी और सरवर खान और बाकी बचे 500 नकली इंजेक्शन मुख्य आरोपी सुनील मिश्रा ने सोशल मीडिया के माध्यम से इंदौर में बेचे थे।
नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाने से उसके फूफा की मौत हो गई। यह बयान देने एक पीड़ित विजय नगर थाने पहुंचा, उसने बताया अरविंदो अस्पताल के पास से कुछ दिन पहले उसने पांच इंजेक्शन 50 हजार रुपए में एक आरोपी से खरीदे थे। 11 दिन पहले इलाज के दौरान उसके फूफा की मौत हो गई जबकि उनको 5 इंजेक्शन लग चुका था लेकिन नकली इंजेक्शन लगने के वजह से उनकी जान नहीं बच पाई। आरोपियों को फोटो वायरल होने के बाद रोजाना पीड़ित परिवार विजय नगर थाने पहुंचकर अपने बयान दर्ज करा रहे हैं। अब तक 50 लोगों के बयान दर्ज हो चुके हैं, जिन्होंने ग्लूकोस और नमक से बनी नकली रेमडेसिविर खरीदी थीं।
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