Indore Suicide : छात्रा की मौत के मामले में नया खुलासा, पेपर नहीं प्रेमी ने किया था आत्महत्या के लिए मजबूर

Indore Suicide : छात्रा की मौत के मामले में नया खुलासा, पेपर नहीं प्रेमी ने किया था आत्महत्या के लिए मजबूर
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एक्रोपालिस कॉलेज की छत्रा की मौत के सिलसिले में पुलिस को नई जानकारी मिली है। पुलिस ने छात्रा के दोस्तों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज कर लिया है।

इंदौर। एक्रोपालिस कॉलेज की छत्रा की मौत के सिलसिले में पुलिस को नई जानकारी मिली है। पुलिस ने छात्रा के दोस्तों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज कर लिया है। स्टूडेंट ने 11 अप्रैल 2023 को अपने कमरे में सुसाइड कर लिया था। घटना स्थल से दो लाइनों का सुसाइड नोट भी मिला था जिसमें उसने पेपर बिगड़ने की बात कही थी। लेकिन उसका परिवार शुरू से ही यह बात मानने से इनकार कर रहा था। जिसके कारण वे पुलिस के आला अफसरों से भी मिले थे। परिजनों के कहने पर पुलिस ने छात्रा की कॉल डीटेल निकाली तो मामला किछ और ही सामने आ गया। साथ ही छात्रा की रूममेट के बयानों के आधार पर उसके एक दोस्त के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज कर लिया है। आरोपी की तलाश अभी जारी है।

18 शब्दों का था सुसाइड नोट

अपने रूम में सुसाइड करने वाली हर्षिता शिंदे ने जो सुसाइड नोट लिखा था, वह केवल 18 शब्दों का था। जिसमें उसने लिखा था “डीयर पापा आइ एम सॉरी, आइ नो आपकी बेटी बहुत स्ट्रॉंग है लेकिन यहांापकी बेटी हार गई” इस सुसाइड नोट में कहीं भी उसने फेल होने का ज़िक्र नहीं किया था। पिरजनों ने बताया था कि हर्षिता बहुत अच्छी स्टूडेंट थी। स्कूल में वह क्लास में टॉपर रही है। जब वह इंदौर में पढ़ाई कर रही थी तभी उसका बेंगलुरु की एक कंपनी में सिलेक्शन भी हो गया था। जिसमें उसे करीब दस लाख रुपए का पैकेज भी मिला था। एग्जाम के बाद उसने बेंगलुरु में शिफ्ट होने का भी सोच रखा था। परिवार का कहना था कि वह कलेक्टर बनना चाहती थी जिसके लिए वह प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी कर रही थी।

गांव का देस्त निकला आरोपी

TI शशिकांत चौरसिया के मुताबिक धार जिले के मानवर गांव की रहने वाली हर्षिता विनोद शिंदे के कॉल डीटेल आदि पता किए गए जिसमें उसके ही गांव का रहने वाला एक दोस्त दोषी पाया गया है। पुलिस ने मनावर के ही रहने वाले हर्षिता के दोस्त किशन सुरेश नामदेव के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज किया है। टीआई के मुताबिक हर्षिता इमदौर में एक किराए के कमरे में रहकर पढ़ाई कर रही थी। किशन नामदेव गांव से हर दिन हर्षिता को कॉल किया करता था। दोनों देर तक बातें भी करते थे दोनों के बीच अफेयर भी था। हर दिन वह उससे पूछा करता था कहा हो क्या कर रही हो। हर्षिता दूसरे दोस्तों या लड़कों से बात करती तो वह उसे डांटा भी करता था। कभी-कभी वह हर्षिता के घर आकर उसका मोबाइल भी चेक किया करता था। इसके कारण वह ठीक से पढ़ाई भी नहीं कर पाती थी। रूममेट के मुताबिक इस कारण हर्षिता डिप्रेस्ड रहा करती थी और ठीक से पढ़ाई नहीं कर पाती थी। इसी कारण उसका पेपर बिगड़ गया था। मामले में सहेली के बयान और कॉल डीटेल के आधार पर किशन नामदेव के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।

बिगड़ा था केमिस्ट्री का पेपर

हर्षिता के चचेरे भाई विनोद का कहना है कि आत्महत्या के दिन सुबह हर्षिता ने अपनी मां संगीता से फोन पर बात की थी। उसने बताया था कि सोममवार को उसका केमिस्ट्री कती पेपर था, जो बिगड़ गया था। इससे वह बहुत परेशान थी। उसकी फ्रेंड संगीता ने भी उससको मझाया था।

पांच दिन पहले ही भाई गया था गांव

हर्षिता के साथ उसका एक छोटा भाई गौरव भी रहा करता था। जो लॉ की पढ़ाई कर रहा था। गौरव पांच दिन पहले ही अपने माता पिता के पास सिंघाना गांव गया था। गौरव ने सुसाइड वाले दिन दोपहर में हर्षिता को कॉल किया था। जब उसने कडल रिसीव नहीं किया तो इंदौर में ही रहने वाले इसकते चचेरे भाई विनोद को कॉल किया गया। विनोद जब हर्षिता के रीम पर पहुंचा तो उसने दरवाजा नहीं खोला। तब हर्षिता के घर का दरवाजा तोड़ा गया। अंदर देखा तो हर्षिता फंदे पर लटकती दिखाई दी। करीब शाम साढ़ै छः बजे पुलिस को इसकी सूचना दी गई। आधे घंटे बाद पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की तहकीकात शुरू कर दी गई।

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