International Yoga Day : योग की ऐसी ताकत, बिना थके 30 मिनट शंखनाद

अमित सोनी. भोपाल. सांसों के योग का चमत्कार देखिए। ग्वालियर के विक्रम राणा लगातार 30 मिनट तक शंख बजा लेते हैं। वे पिछले 10 साल से ऐसा कर रहे हैं। ये एक है। उन्हें देखकर अब डॉक्टर भी कहने लगे हैं कि हार्टअटैक और फेफड़े की बीमारी से बचना है तो रोजाना शंख बजाएं। कई डॉक्टर व प्रोफेसर खुद भी शंख बजाने लगे हैं। विक्रम ने बचपन से पिता को शंख बजाते देखा। वे बताते हैं कि एक बार भगवान के सामने पूजा के लिए ध्यान में बैठा तभी भगवान विष्णु के हाथ में शंख देखा और मन में शंख बजाने की इच्छा जाग्रत हुई। पहले मैं वे मंदिरों में शंख बजाता था, जहां तक आवाज जाती है वातावरण शुद्ध होता है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर जब भी ग्वालियर आते हैं तो कार्यक्रम का आरंभ मेरे शंखनाद से होता है। मुझे ग्वालियर में हर जगह शंखनाद के लिए बुलाया जाता है। यहां तक कि मुंबई, इंदौर और दिल्ली सहित भारत के कई शहरों में शंखनाद के लिए मुझे बुलाया गया है। इंडिया गॉट टैलेंट में भी शंखनाद के लिए गया था। कोरोना पॉजिटिव दिल्ली के सौरभ अग्रवाल और इंदौर के मयंक श्रीवास्तव के फैफड़े शंख बजाने से ज्यादा मजबूत हुए और वे ठीक हो गए।
1500 से ज्यादा लोग रोज करने लगे हैं शंखनाद
राणा ने बताया कि एक और नॉन कोविड मरीज जिनके लंग्स में इन्फेंक्शन की वजह से डॉक्टर ने ऑक्सीजन सपोर्ट की सलाह दी। डॉक्टर बोले गुब्बारे फुलाओ। लेकिन मैंने उन्हें शंख बजाने की सलाह दी और वे पूरी तरह ठीक हो गए। आज वे दोनोें स्वस्थ हैं और नौकरी कर रहे हैं। इन्हें देखकर आज ग्वालियर में 1500 से ज्यादा लोग रोजाना शंख बजाने लगे हैं। रोजाना राणा के पास 5 से 10 फोन शंख बजाने की प्रक्रिया सीखने और खरीदने से के लिए आते हैं। वे ऑनलाइन गूगल मीट के जरिए शंख सिखाते हैं। राणा का कहना है कि शंख बजाने के लिए सुबह 5:30 से 9 बजे तक का समय उपयुक्त है। इस समय वातावरण में सौ फीसदी ऑक्सीजन होती है। उल्टे हाथ वाला शंख ज्यादातर बजाया जाता है।
ये भी एक प्रकार का प्राणायाम
लगातार यदि हम शंख बजाएं तो इससे हमारी लंग्स कैपिसिटी बढ़ जाती है और हम आधे घंटे से ज्यादा समय तक शंख बजा सकते हैं। यह भी एक प्रकार का प्राणायाम है जो कोई भी कर सकता है। इसे लंबे समय तक बजाने के लिए आपको 2 से 3 साल लगातार समय बढ़ाते हुए अभ्यास करना होगा। हरियाणा के अजय पाल विश्नोई ने 1 घंटा 52 मिनट तक भी शंख बजाने का रिकॉर्ड बनाया है। शंख बजाने वाले बीच-बीच में सांस लेते और छोड़ने हैं इससे वे लंबे समय तक लय को मेंटेन कर लेते हैं। योग की हेल्प की वजह से ही यह संभव होता है।
- पवन गुरुजी, योगाचार्य
अब पानी पर चलकर भी दिखाएंगे
मनोज रजक. सतना. योगाचार्य लक्ष्मी यादव। योग और अभ्यास से वे आज यह कहने की स्थिति में हैं कि पानी पर पैदल चलना और हॉकी खेलना सब संभव है। अभी यादव पानी में सारे योगासन लगा लेते हैं। उन्होंने भोपाल में सेना के जवानों को पानी पर तैरते हुए जंग लड़ने के टिप्स भी दिए हैं। दिल्ली का तालकटोरा स्टेिडयम हो या देश का कोई भी स्वीिमंग पूल, उन्होंने जलयोग का जबरदस्त प्रदर्शन किया है।
यादव ने यह सब कैसे हासिल किया? वे बताते हैं कि साल 2006 की बात है जब मैं मॉर्निंग वॉक करने जाता था कुछ लोग हवाई पट्टी पर दौड़ा करते थे, जिन्हें स्वीमिंग करना होता था वह एनीकट में तैरते थे। उनके साथ जो अभिभावक रहते थे उन लोगों ने हमसे कहा कि सतना नदी भी चलिए। उनकी बात मानते हुए मैं सतना नदी जाने लगा और वहां पर तैरकर जल योग करने लगा। साल 1977 और 78 की बात है मोहल्ले में एक तालाब था, जहां पर हमने तैरना सीखा और पानी में लेट कर शव आसन करना सीखा व पद्मासन भी किया। इसके बाद 14 फीट पानी में खड़े होने लगे। वे कहते हैं कि योग से व्यक्ति निरोग रहता है और छोटे बच्चों की लंबाई बढ़ती है।
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