बुजुर्गों को शहर से बाहर छोड़ने के मामले में आई जांच रिपोर्ट, 6 और मस्टरकर्मी दोषी करार

इंदौर। बुजुर्गों को शहर से बाहर छोड़ने के मामले में निगम की जाँच रिपोर्ट आ गई हो। नगर निगम की जांच रिपोर्ट के मुताबिक 6 और मस्टर कर्मी दोषी करार उपायुक्त सोलंकी की लापरवाही से घटना हुई है। निगम आयुक्त श्रीमती प्रतिभा पाल ने बताया कि आज उन्हें अपर आयुक्त एस कृष्ण चैतन्य द्वारा जांच रिपोर्ट सौंप दी गई है। श्रीमती पाल ने बताया कि जांच में नगर निगम के 6 और मास्टर कर्मी दोषी पाए गए हैं, जिनकी लापरवाही और भिक्षकों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं करने के कारण नगर निगम की छवि धूमिल हुई है। इन सभी 6 मस्टर कर्मियों की सेवाएं समाप्त की जाएंगी।
श्रीमती पाल ने बताया कि जांच में उपायुक्त श्री सोलंकी को भी दोषी पाया गया है। उन्होंने बताया कि श्री सोलंकी की लापरवाही के कारण बिना किसी सक्षम स्वीकृति के वृद्ध भिक्षुकों को रैन बसेरा पहुचाने के बजाए शहर से बाहर ले जाया गया। श्रीमती पाल ने बताया कि सोलंकी के खिलाफ विभागीय जांच (डीई) की जाएगी।
29 जनवरी को इंटरनेट मीडिया पर कुछ वीडियो वायरल हुए थे, जिनमें नगर निगम कर्मियों द्वारा अमानवीय तरीके से बुजुर्गों को शहर से बाहर शिप्रा गांव के पास छोड़ने के दृश्य दिखाई दिए थे। मामले ने राष्ट्रीय स्तर पर तूल पकड़ा और इंदौर नगर निगम के साथ प्रदेश सरकार भी कठघरे में आ गई थी। घटना का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने निगम के उपायुक्त प्रतापसिंह सोलंकी को निलंबित कर दिया था, जबकि निगम प्रशासन ने रैन बसेरे के दो कर्मियों बृजेश लश्करी और विश्वास वाजपेयी को लापरवाही बरतने के मामले में नौकरी से बर्खास्त कर दिया था। सीएम ने पूरे मामले की जांच कर जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मियों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश निगमायुक्त को दिए थे। तभी से घटना की जांच रिपोर्ट आने का इंतजार हो रहा था।
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