Jail Prisoners Abscond ON Parole : बेल पर बाहर आकर 39 हजार अरोपियों ने दिया चकमा, फिर पकड़ नहीं पाई 52 जिलों की पुलिस

विवेक पांडेय की रिपोर्ट /भोपाल। मध्य प्रदेश पुलिस मुख्यालय के आंकड़ों से चौकाने वाला खुलासा हुआ है। प्रदेश में 39 हजार आरोपी बेल पर बाहर आकर फरार हो गए हैं। पुलिस को कई सालों से आरोपी चकमा भी दे रहे हैं। फिर भी आरोपियों को कोर्ट में पुलिस पेश नहीं कर पाई है। यही नहीं प्रदेश के जेलों से परोल पर छूटे 143 कैदी भी वापस नहीं लौटे हैं। सबसे ज्यादा फरार कैदी भोपाल और उज्जैन की जेलों हैं। हैरत की बात है कि 20 से 25 साल हो गए हैं। पुलिस कैदियों को फिर से गिरफ्तार कर जेल भेजने में विफल साबित हुए हैं। यह आंकड़ा स्पेशल डीजी जीपी सिंंह ने जारी किया है।
अन्य राज्यों की पुलिस को सूचना दी जाएगी
पुलिस मुख्यालय ने फरार कैदियों और बेल जंपर की सूची एससीआरबी के एडीजी को भेजी है। अपराध अनुसंधान विभाग ने बकायदा सभी जिलों की जानकारी दी है। यह भी कहा है कि आरोपियों की गिरफ्तारी की जाए। इसके लिए सभी जिलों की सूची एसपी को दी गई है। बेल जंपर में सबसे ज्यादा ग्वालियर, रायसेन और उज्जैन के आरोपी है। तीन जिले भी ही 8 हजार से अधिक आरोपी है। इसी तहत भिंड, ुमुरैना, इंदौर, रतलाम, जबलपुर और सागर जिले भी शामिल है। इधर, पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों का तर्क है कि विधानसभा चुनाव के मद्देनजर आरोपियों की गिरफ्तार के लिए निर्देश जारी किए गए हैं। लंबे समय से फरार आरोपियों की तैयार की गई है। वहीं कैदी भी दूसरे राज्य भी शरण ले रहे हैं तो अन्य राज्यों की पुलिस को सूचना दी जाएगी।
आईसीआईएस की रैकिंग रिपोर्ट ने भी खोली थी पोल
आईसीआईएस की रैकिंग रिपोर्ट के मुताबित धार पुलिस का परफार्मेंस सबसे बेहतर पूरे प्रदेश में रहा है। जबकि ला एड आर्डर और विवादित मामलों पर दमोह अव्वल है लेकिन अपराधियों को पकड़ने में फिसड्डी हुआ है। भोपाल, इंदौर की अपेक्षा ग्वालियर जिले में भले की अपराध का आकड़ा बढ़ा है लेकिन पुलिस ने गिरफ्तारी में तेजी लाई है। यही कारण है कि आईसीआईएस की रैकिंग में टाप-10 में शामिल हुआ है।
बेल के फरियादियों पर दबाव बना रहे आरोपी
खास बात है कि पुलिस मुख्यालय ने आरोपियों को पकड़ने कवायद कोर्ट के निर्देश पर शुरू करने वाली है। सूत्रों ने बताया कि हाईकोर्ट ने आरोपियों की फिर से गिरफ्तार नहीं किए जाने के मामले में फटकार भी लगाई है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि बेल पर बाहर आने के बाद आरोपी फरियादी पर केस वापस लेने का दवाब बनाते हैं। इधर, पुलिस को भी आरोपी फरार कोर्ट की फटकार के जवाब में देती है। कई नाबालिग के साथ रेप और छेड़छाड़ के मामलों में भी आरोपी केस वापस लेने के लिए दवाब बनाते हैं। ऐसे ही मामलों को रोकने के लिए बेल जंपर को गिरफ्तार करने के लिए निर्देश दिए गए हैं।
जेल का नाम पैरोल से फरार आरोपियों की संख्या
केन्द्रीय जेल रीवा 09
केन्द्रीय जेल सागर 13
केन्द्रीय जेल नर्मदापुरम 03
केन्द्रीय जेल इंदौर 8
केन्द्रीय जेल जबलपुर 12
केन्द्रीय जेल ग्वालियर 15
केन्द्रीय जेल सतना 9
केन्द्रीय जेल रतलाम 10
केन्द्रीय जेल उज्जैन 34
केन्द्रीय जेल भोपाल 33
केन्द्रीय जेल बडवानी 04
कुल 143
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