सावन का सातवा सोमवार, जटा शंकर सहित इन रूपों में महाकाल देंगे भक्तों को दर्शन, नागचंद्रेश्वर मंदिर के खुले पट

सावन का सातवा सोमवार, जटा शंकर सहित इन रूपों में महाकाल देंगे भक्तों को दर्शन, नागचंद्रेश्वर मंदिर के खुले पट
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श्रावण शुक्ल पक्ष की पंचमी पर देशभर में नागपंचमी का पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा। इसके लिए देश के कोने-कोने से काफी संख्या में श्रद्धालु भगवान नागचन्द्रेश्वर के दर्शन के लिए धार्मिक नगरी उज्जैन आ गए हैं। श्रावण सोमवार, नागपंचमी और आज निकलने वाली बाबा महाकाल की सातवी सवारी के विशेष संयोग पर प्रशासन ने श्रद्धालुओ के लिए व्यापक व्यवस्थाएं की हैं।

उज्जैन : इस बार सावन का सतावां सोमवार बहुत ही खास है, क्योंकि इस दिन नाग पंचमी भी है। ऐसे में इस दिन पूजा करने से शिव जी के साथ ही नाग देवता की भी कृपा प्राप्त होगी। जिसको देखते हुए आज महाकाल की नगरी उज्जैन में भक्तों की छमता से ज्यादा मंदिर परिसर में लोगों की दर्शन क लिए भीड़ लगी हुई है। मान्यता अनुसार यह दुर्लभ योग काफी कम बनता है। तो वही आज उज्जैन महाकाल मंदिर परिसर में स्थित श्री नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट ठीक 12 बजे से खोल दिए गए। बता दें कि नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट केवल 24 घंटे के लिए खोले गए है। जिसके बाद इस पट को दोबारा साल भर के लिए बंद कर दिया जाएगा।

जटा शंकर स्वरूप बाबा महाकाल की निकलेगी सवारी

श्रावण शुक्ल पक्ष की पंचमी पर देशभर में नागपंचमी का पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा। इसके लिए देश के कोने-कोने से काफी संख्या में श्रद्धालु भगवान नागचन्द्रेश्वर के दर्शन के लिए धार्मिक नगरी उज्जैन आ गए हैं। श्रावण सोमवार, नागपंचमी और आज निकलने वाली बाबा महाकाल की सातवी सवारी के विशेष संयोग पर प्रशासन ने श्रद्धालुओ के लिए व्यापक व्यवस्थाएं की हैं। ताकि किसी तरह भक्तों को परशानी न हो। आज बाबा महाकाल जटा शंकर स्वरूप में प्रजा का हाल जानने के लिए निकलेंगे। शाम 4 बजे सवारी मंदिर से निकलेगी जिसमें 10 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है क्योंकि सावन की सवारी के साथ नागपंचमी का शुभ संयोग भी बन रहा है।

इन स्वरूपों में महाकाल देंगे भक्तों को दर्शन

मंदिर के सभा मंडप में चंद्रमौलेश्वर का पूजन अर्चन करने के पश्चात शाम 4 बजे सवारी मंदिर से रवाना होगी। चांदी की पालकी में चंद्रमौलेश्वर, तो हाथी पर मनमहेश स्वरूप दिखाई देखा। इसके अलावा शिव तांडव, उमा महेश, होलकर, घटाटोप, और आखिर में सातवां स्वरूप जाता शंकर सवारी में दिखाई देगा।

नाग पंचमी पर नागों की पूजा का है महत्व

पंचांग के अनुसार, नाग पंचमी हर साल सावन महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है। नाग पंचमी पर नागों की पूजा का महत्व है. इस दिन विशेषकर वासुकी नाग की पूजा की जाती है। भोलेनाथ अपने गले में वासुकी नाग को हार की तरह लपेटे हुए रहते हैं. इसलिए शिवजी के प्रिय सावन सोमवार के दिन नाग पंचमी पड़ने से इसका महत्व और अधिक बढ़ जाता है ।



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