JP Hospital Bhopal : जेपी अस्पताल में अव्यवस्थाएं, स्वास्थ्य विभाग को 15 दिन में देनी होगी रिपोर्ट

भोपाल। मप्र मानव अधिकार आयोग ने भोपाल के पांच मामलों में संज्ञान लिया है। जेपी अस्पताल में बिजली के डिब्बे खुले होने और ओपीडी के पर्चे के लिए मरीजों के घंटो परेशान होने के मामले में आयोेग ने स्वास्थ्य विभाग को जांच के निर्देश दिए हैं। इसके साथ की गई कार्रवाई के संबंध में 15 दिन के भीतर जवाब भी मांगा है। आयोग के संज्ञान में आया है कि, अस्पताल में एमसीबी बाॅक्स खुले पड़े हैं, तो कहीं दीवारों पर सीलन है। इसके चलते यहां हमेशा शाॅर्ट सर्किट का खतरा बना रहता है। वहीं मरीजों की सुविधा के लिये पांच साल पहले टोकन सिस्टम चालू किया गया था, लेकिन बाद में गड़बड़ होने लगी। डाक्टर्स के कक्ष के बाहर टोकन नंबर प्रदर्शित करने वाली डिस्प्ले पर केवल रेड लाइन ही नजर आती है। देखरेख नहीं होने से यह व्यवस्था अब बंद नजर होती आ रही है। बड़ी संख्या में मरीजों की भीड़ लाईन में लगकर इलाज कराने को मजबूर है।
इन मामलों में भी जवाब तलब
आयोग ने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, कोलार तक पहुंचने के लिए सड़क खराब होने के मामले में कलेक्टर को जांच कराने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ मरीजों की पहुंच में हो रही कठिनाई और शासन स्तर पर की गई उचित कार्रवाई के संबंध में तीन सप्ताह में जवाब मांगा है। आयोग ने भोपाल की अरेरा काॅलोनी में एक कलयुगी बेटे द्वारा अपनी मां के बैंक खाते से 32 लाख रुपए धोखे से निकालने और रुपए मांगने पर मां से मारपीट करने के मामले पुलिस कमिश्नर को जांच कराकर की गई कार्रवाई के संबंध में तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।
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