JP Hospital Bhopal News : जेपी में लगेगा एडवांस फायर सिस्टम, आगजनी के दौरान सुरक्षित रहेंगे मरीज

JP Hospital Bhopal News : जेपी में लगेगा एडवांस फायर सिस्टम, आगजनी के दौरान सुरक्षित रहेंगे मरीज
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सतपुड़ा भवन में आग लगने की घटना के बाद अब सभी सरकारी भवनों में ऐसी घटनाओं से निपटने के इंतजाम किए जा रहे हैं।

भोपाल। सतपुड़ा भवन में आग लगने की घटना के बाद अब सभी सरकारी भवनों में ऐसी घटनाओं से निपटने के इंतजाम किए जा रहे हैं। अब जेपी अस्पताल में भी आगजनी जैसी घटना के दौरान मरीजों को सुरक्षित रखने के लिए माकूल व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए अस्पताल में एडवांस फायर सिस्टम तैयार किया जा रहा है। अस्पताल प्रबंधन ने अस्पताल में आग से बचने के इंतजामों को और पुख्ता करना शुरू कर दिया है। जानकारी के मुताबिक अस्पताल में एडवांस फायर हाइड्रेंट तैयार किया जा रहा है। इसके साथ ही यहां फायर अलार्म लगाए जा रहे हैं। अस्पताल के किसी भी हिस्से में छोटी सी आग से ही यह अलार्म एक्टिव हो जाएगा और सभी को सूचना मिल जाएगी। यही नहीं, हर हिस्से में स्पि्रंकलर सिस्टम पैनल लगाया जाएगा। इसमें पानी की व्यवस्था के लिए अस्पताल की छत पर पानी की बड़ी टंकी तैयार की जा रही है।

चार गेट होंगे दमकल के लिए

अस्पताल में फायर ब्रिगेड को आने जाने के लिए चार गेट तैयार किए जाएंगे। अभी अस्पताल में आने के लिए एक ही रास्ता है। पार्किंग होने से यह रास्ता अक्सर जाम रहता है। ऐसे में फायर ब्रिगेड के लिए अलग रास्ते बनाए जाएंगे। अस्पताल बिल्डिंग में भी घटना के दौरान वैकल्पिक रास्तों पर मार्किंग की जाएगी ताकि मरीजों को दिक्कत ना हो। फायर उपकरणों के संचालन के लिए कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।

यह की जा रहीं व्यवस्था

अस्पतालों में चारों तरफ से दमकल वाहन को जाने का रास्ता होना चाहिए। ऊंचाई वाले अस्पतालों में स्प्रिंकलर सिस्टम पैनल। आपातकाल में चार तरफ से निकासी होनी चाहिए।

आगजनी की घटना के संबंध में प्रशिक्षित स्टाफ हो।

फायर एक्टिंग्यूशर की संख्या 80 से बढ़ाकर 120 की जाएगी।

पर्चे और रिपोर्ट संभालने की झंझट खत्म, आज से एक क्लिक पर मिलेगी मरीजों की सारी जानकारी

प्रदेश भर के सरकारी अस्पतालों में आने वाले मरीजों को अपने पुराने पर्चे और जांच रिपोर्ट को संभालने की झंझट खत्म होगी। मरीजों का सारी जानकारी अब डिजिटल रूप में तैयार की जा रही है। आयुष्मान योजना के तहत आने वाले मरीजों के रिकॉर्ड को आभा कार्ड (आयुष्मान भारत हेल्थ अकांउट) पर लिंक किया जाएगा। लिंक होने के बाद मरीजों का डाटा डिजिटल प्रारूप में आभा एप पर सुरक्षित रहेगा। डॉटा ऑनलाइन होने पर मरीज कागजी रिपोर्ट के न होने पर देश के किसी भी हिस्से में इलाज करा सकता है। डॉक्टर आभा कार्ड के माध्यम से मरीज की पूरी जानकारी ले सकेंगे। यही नहीं, इस योजना से इलाज में हो रहे फर्जीवाड़े पर भी रोक लगेगी। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी इसकी शुरूआत करेंगे।

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