जूडा हड़ताल : खून से सने एप्रन टांगकर प्रदर्शन, बरसाए गए फूल सरकार को लौटाए

भोपाल। जूनियर डॉक्टर हड़ताल मामले में जूडा और सरकार के बीच गतिरोध बढ़ता ही जा रहा है। एक तरफ जहां जूडा ने अपने इस्तीफे सरकार को सौंप दिए हैं दूसरी ओर वहीं गांधी मेडिकल कॉलेज के डीन ने 28 डॉक्टर्स के इस्तीफे मंजूर कर उन्हें हॉस्टल खाली करने का नोटिस भी थमा दिया। साथ ही इस्तीफा देने वाले जूनियर डॉक्टर्स को बांड के पैसे जमा करने के आदेश भी जारी कर दिया गया है।
दरअसल, मध्य प्रदेश के 6 मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन का आंदोलन उग्र होता जा रहा है। गांधी मेडिकल कॉलेज में जूडा ने खून से सने एप्रन टांग कर प्रदर्शन किया। साथ ही जिन डॉक्टर्स को हॉस्टल खाली करने का नोटिस मिला है, उन्होंने भी अपना सामान रोड पर रख कर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है। GMC के डीन ने इस्तीफा देने वाले 28 जूनियर डॉक्टरों को बांड के 10 से 30 लाख भरने और हॉस्टल खाली करने के नोटिस दिया है। इस कार्रवाई को जूनियर डॉक्टर्स ने सरकार की दमनकारी नीति बताया है।
ग्वालियर के जीआर मेडिकल कॉलेज में मध्य प्रदेश सरकार के प्रतीक के रूप में कुर्सी को पुष्पांजलि देकर विरोध प्रदर्शन किया गया। जूनियर डॉक्टरों ने कहा कि जिस तरीके से कोरोना वारियर्स के रूप में पहले उनके ऊपर फूल बरसाए गए थें आज वही फूल उन्होंने सरकार को वापस कर दिए हैं।
जूडा के प्रदर्शन पर सरकार के सख्त रवैये को लेकर अब डॉक्टर्स ने सरकार से ही बात करने की बात कही है। जिसके बाद चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने साफ कहा है कि सरकार इस प्रदर्शन को लेकर अपने स्टैंड पर कायम है, लेकिन इस मामले पर जूडा से बातचीत के लिए भी तैयार है।
राज्य सरकार के सख्त रवैये के बाद जूडा के समर्थन में प्रदेश समेत देशभर के डॉक्टर एसोसिएशन आ गए है। ये सभी एसोसिएशन सरकार से जूडा की मांगों पर बातचीत कर मामले को हल करने की अपील कर रहे हैं। साथ ही चेतावनी भी दे रहें हैं कि ऐसा न होने पर वह भी जूडा के सपोर्ट में हड़ताल पर चले जाएंगे।
जूडा की इस हड़ताल की वजह से अस्पतालों में मरीजों को भी समस्या झेलनी पड़ रही है। हमीदिया में कई मरीजों को समस्या आई, हालांकि सीनियर डॉक्टर्स ने मोर्चा संभाल लिया है।
अब तक का पूरा मामला
गुरुवार को हाईकोर्ट ने जूनियर डॉक्टरों की मांगों को अवैध करार देकर 24 घंटे में वापस काम पर लौटने को कहा था। कोर्ट का आदेश न मानने पर सरकार को कानून के अनुसार कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए थे। बता दें कि 5 मेडिकल कॉलेज के 468 पीजी फाइनल ईयर के छात्रों के नामांकन रद्द कर दिए गए, इस बात से नाराज प्रदेश भर के करीब 2500 जूनियर डॉक्टरों ने सामूहिक रूप से इस्तीफा देना शुरू कर दिया। गांधी मेडिकल कॉलेज के डीन ने इस्तीफा देने वाले डॉक्टरों का इस्तीफा मंजूर कर, उन्हें सीट छोड़ने के एवज में बांड के 10 से 30 लाख भरने के साथ ही हॉस्टल खाली करने का नोटिस भेज दिया। इस नोटिस के बाद जूडा का आंदोलन और उग्र हो गया।
अब जूडा और सरकार दोनों बात कर मामला सुलझाने की बात कर रहे हैं। जूडा ने सीएम से भी इस मामले में बात करने के लिए समय मांगा है। जूडा 6 मांगों को लेकर अड़ा है जिसमे स्टाइपेंड समेत कई मांगे है। जूडा का कहना है कि सरकार ने इन मांगों को लेकर आश्वासन दिया था लेकिन अब वो इसे मानने से इनकार कर रही है। वहीं सरकार का कहना है कि वो अपने स्टैंड पर कायम है। ऐसे में मामला तूल पकड़ता जा रहा है, देखना है कि मामला कब तक सुलझता है।
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