सिंधिया का कांग्रेस पर हमला, स्वागत के लिए पहुंचे भाजपा में आए समर्थक

भोपाल। कांग्रेस से भाजपा में आए वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया का मालवा दौरा खासा गर्माहट भरा रहा। मालवा की जमीन पर कदम रखते हुए उन्होंने पूर्ववर्ती कांग्रेस की कमलनाथ सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि- मैंने अपने राजनीतिक जीवन में ऐसी भ्रष्ट और वादाखिलाफी करने वाले सरकार कभी नहीं देखी। सिंधिया के इंदौर एयरपोर्ट में उतरते ही देखने को मिला कि भाजपा के विधायक तो उनका स्वागत करने पहुंचे लेकिन स्वागत करने वालों में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए उनके समर्थक ही ज्यादा थे। सिंधिया ने कहा हमने साथियों के साथ दोगली और अत्याचारी कांग्रेस सरकार के खिलाफ ऐतिहासिक निर्णय लिया। दौरे के दौरान गुटबाजी भी दिखी और कांग्रेसियों ने विरोध किया।
बार-बार उठाई आवाज, नहीं हुई सुनवाई
सिंधिया ने कहा कि मैं अपने परिवार की तरह सत्य के साथ खड़ा हूं जबकि सत्ता जाने से कांग्रेस छटपटा रही है। कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में मैंने बार-बार जनता की आवाज उठाई। वचन पत्र में जनता से किए गए वादों की याद दिलाई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा कि मैं जनसेवक था, हूं और रहूंगा। मेरी दादी ने सत्य का रास्ता अपनाया था, पिताजी ने सत्य का झंडा उठाया, उसी के अनुरूप मैंने भी सत्य का झंडा उठाया। मैं कांग्रेस के नेताओं का नहीं, बल्कि केवल जनता के सवालों का जवाब दूंगा। कांग्रेस के निजी हमलों को लेकर सिंधिया ने कहा कि उनसे इसके अलावा कोई अपेक्षा नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस फिर सत्ता में आने का ख्वाब देख रही है जो कभी पूरा होने वाला नहीं।
दौरे के दौरान दिखी गुटबाजी
सिंधिया के इंदौर दौरे के दौरान गुटबाजी भी देखने को मिली। सिंधिया हालांकि कैलाश विजयवर्गीय एवं सुमित्रा महाजन सहित भाजपा के सभी प्रमुख नेताओं से जाकर मिले लेकिन यह साफ हो गया कि भाजपा में एक और खेमा तैयार हो गया है। रमेश मेंदोला के खिलाफ चुनाव लड़े मोहन सेंगर द्वारा सिंधिया के समर्थन में लगाया गया पोस्टर चर्चा में रहा। इसमें कैलाश विजयवर्गीय एवं मेंदोला को छोड़कर शेष सभी नेताओं के नाम एवं फोटो थे।
कांग्रेसियों पर भांजी लाठी, गिरफ्तारी
सिंधिया के इंदौर आने से पहले ही सोमवार को रिमझिम बारिश के बीच शहर की राजनीति का पारा चढ़ना शुरू हो गया था। सिंधिया के कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जाने को लेकर गुस्साए कांग्रेसी उन्हें काले झंडे दिखाने की तैयारी में थे। उन्होंने विधानसभा-2 में हस्ताक्षर अभियान के जरिए पूरी प्लानिंग कर ली थी। लेकिन बिना अनुमति के उनके धरने को पुलिस ने हटा दिया। इस बीच पुलिस ने कांग्रेस नेता चिंटू चौकसे सहित कुछ कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया तो कार्यकर्ता आगबबूला हो गए। पुलिस को लाठी भांजकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को कंट्रोल करना पड़ा। कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला ने गिरफ्तारी का विरोध करते हुए कहा कि विपक्ष के नाते यह हमारा अधिकार है।
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