SEAT ANAYLSIS: हरिभूमि स्पेशल! कौन किस पर भारी, कौन मारेगा इंदौर की बाजी, क्या कैलाश विजयवर्गीय भेद पाएंगे संजय शुक्ला का किला, यहां देखें इंदौर 1 विधानसभा का समीकरण

SEAT ANAYLSIS: इंदौर। मध्य प्रदेश में चुनावी समर अपने चरम पर है। अब इस चुनाव में केवल और केवल 17 दिनों का वक्त बचा है। बीते दिन 30 अक्टूबर को नामांकन दौर भी खत्म हो गया जिसमें आखिरी दिन मुख्यमंत्री शिवराज समेत कई दिग्गजों ने नामांकन भरा है। इसी के साथ आईए जानते हैं, कि जो इंदौर कि 1 विधानसभा जो कांग्रेस के कब्जे में रहते आई है, क्या कैलाश विजयवर्गीय के आने से इस सीट का समीकरण बदलेगा ?
कितने है इस सीट पर मतदाता
इंदौर-1 विधानसभा सीट पर चुनाव परिणाम तय करने में ब्राह्मण और यादव समुदाय के सदस्यों की भूमिका महत्वपूर्ण होने की उम्मीद है, जिसमें 3.64 लाख मतदाता शामिल हैं। भाजपा के दिग्गज नेता विजयवर्गीय के चुनावी मैदान में उतरने से शुक्ला को सीट बरकरार रखने के लिए अपनी चुनावी रणनीति बदलनी पड़ी है।
कौन कितनी बार चुनावी मैदान में उतरा
बता दें कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने 10 साल के लम्बे अंतराल के बाद चुनावी राजनीति में औपचारिक वापसी करते हुए इंदौर-1 विधानसभा सीट से सोमवार को पर्चा भरा विजयवर्गीय अपने 40 साल लम्बे सियासी करियर में अब तक कोई भी चुनाव नहीं हारे हैं। इस बार इंदौर-1 सीट से चुनावी मैदान में उतरे विजयवर्गीय की मुख्य टक्कर कांग्रेस के मौजूदा विधायक संजय शुक्ला से है। शुक्ला इस सीट से पहले ही अपना नामांकन दाखिल कर चुके हैं।
इंदौर की रगों में बसा हुआ व्यक्तित्व हैं विजयवर्गीय'
चुनाव प्रचार में, शुक्ला अपने लिए "नेता नहीं, बेटा" टैग लाइन का इस्तेमाल करके और प्रतिद्वंद्वी विजयवर्गीय को "मेहमान" कहकर खुद को एक स्थानीय नेता के रूप में पेश करने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, विजयवर्गीय अपने प्रतिद्वंद्वी का मुकाबला करने के लिए खुद को पूरे इंदौर के नेता के रूप में पेश कर रहे हैं। क्योंकि वह पहले इस शहर के मेयर भी रह चुके हैं।
क्या कैलाश ने रची संजय शुक्ला के खिलाफ रणनीति
यहां से संजय शुक्ला नाम का एक निर्दलीय प्रत्याशी भी मैदान में है। ऐसे में कांग्रेस प्रत्याशी ने कैलाश विजयवर्गीय पर उनके नाम से अनजान व्यक्ति का फॉर्म भरवाने का आरोप लगाया है उनका कहना है कि कैलाश विजयवर्गीय घबराए हुए हैं, इसलिए मेरे वोट बांटने की कोशिश कर रहे हैं। वो कितनी भी नौटंकी कर लें, मगर जनता उन्हें वोट नहीं देगी।
एक भी चुनाव नहीं हारे विजयवर्गीय
अपने 40 साल लंबे राजनीतिक करियर में विजयवर्गीय अब तक कोई चुनाव नहीं हारे हैं। उन्होंने 1990 से 2013 के बीच इंदौर जिले की अलग-अलग सीटों से लगातार छह बार विधानसभा चुनाव जीता। 2018 के चुनावों में, शुक्ला इंदौर के शहरी क्षेत्रों की सभी पांच सीटों में से कांग्रेस के एकमात्र विजेता उम्मीदवार थे। बाकी चार सीटें बीजेपी के खाते में गईं। 2018 के विधानसभा चुनाव में शुक्ला ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी BJP उम्मीदवार सुदर्शन गुप्ता को 8,163 वोटों से हराया। हालांकि, 2022 में हुए पिछले नगर निगम चुनाव में मेयर पद के लिए शुक्ला को बीजेपी उम्मीदवार पुष्यमित्र भार्गव के हाथों हार का सामना करना पड़ा था।
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