कमलनाथ ने कहा- कर्नाटक कांग्रेस के घोषणा पत्र में बजरंग दल को प्रतिबंधित करना शामिल नहीं, मप्र सरकार पर लगाए ये आरोप

कमलनाथ ने कहा- कर्नाटक कांग्रेस के घोषणा पत्र में बजरंग दल को प्रतिबंधित करना शामिल नहीं, मप्र सरकार पर लगाए ये आरोप
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मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा है कि कर्नाटक चुनाव के लिए जारी कांग्रेस के घोषणा पत्र में बजरंग दल को प्रतिबंधित करने की बात नहीं की गई है। उसमें यह उल्लेख नहीं है। भाजपा बेवजह बात का बतंगड़ बनाए हुए है। कमलनाथ सिवनी में पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने प्रदेश की भाजपा सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए।

भोपाल। मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा है कि कर्नाटक चुनाव के लिए जारी कांग्रेस के घोषणा पत्र में बजरंग दल को प्रतिबंधित करने की बात नहीं की गई है। उसमें यह उल्लेख नहीं है। भाजपा बेवजह बात का बतंगड़ बनाए हुए है। कमलनाथ सिवनी में पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने प्रदेश की भाजपा सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए।

कई अपराधों में मप्र नंबर वन

कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश की तस्वीर किसी से छुपी हुई नहीं है। यह प्रदेश बाल अपराध में देश में नंबर वन, दलित और आदिवासियों के खिलाफ होने वाले अत्याचार में देश में नंबर वन है, महिला आत्महत्या और उत्पीड़न ने देश में नंबर वन है। उन्होंने कहा कि यह मेरे आंकड़े नहीं, यह केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए आंकड़े हैं। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश में रोजगारी चरम पर है लगभग एक करोड़ युवा बेरोजगार हैं

सिवनी में इंजीनियरिंग कालेज नहीं

कमलनाथ ने कहा कि आज सिवनी की स्थिति देख लीजिए, यहां बिजली और पानी की समस्या चिंतनीय है। शायद सिवनी इकलौता जिला होगा मध्यप्रदेश का जहां पर इंजीनियरिंग कॉलेज नहीं है। जिला अस्पताल में मेडिकल स्टाफ नहीं है, स्पेशलाइज्ड डॉक्टर नहीं है । ये भाजपा के 18 वर्षों के कुशासन का परिणाम है। अपना सिवनी आज सिंचाई विहीन, उद्योग विहीन , बिजली विहीन, सुविधा विहीन अस्पताल, खेल सुविधा विहीन बनकर रह गया है , यह 18 वर्षों के भाजपा कार्यकाल की हकीकत है। उन्होंने कहा कि 3:30 लाख करोड़ का कर्जा लिया गया है प्रदेश सरकार से मैं पूछना चाहता हूं कि उससे सिवनी को क्या लाभ हुआ?

सुप्रीम कोर्ट ने कही ये बात

बजरंग दल का उल्लेख करते हुुए कमलनाथ ने कहा कि कर्नाटक के घोषणा पत्र में इस संगठन को प्रतिबंधित करने की बात नहीं कही गई है। यह बात तो सुप्रीम कोर्ट ने स्वयं कही है कि जो व्यक्ति या संस्था समाज में नफरत या विवाद की स्थिति पैदा करने का प्रयास करें, उस पर सख्त कार्यवाही होनी चाहिए। और यही बात आम जनता चाहती है सामाजिक सद्भाव को बिगाड़ने वालों पर सख्त कार्यवाही हो।


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