पीएफआई पर प्रतिबंध मामले में बोले कमलनाथ- आतंकवादी गतिविधयों में शामिल होने के सबूत, तो होना चाहिए कार्रवाई, केंद्र को कटघरे में खड़ा किया

पीएफआई पर प्रतिबंध मामले में बोले कमलनाथ- आतंकवादी गतिविधयों में शामिल होने के सबूत, तो होना चाहिए कार्रवाई, केंद्र को कटघरे में खड़ा किया
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मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने पीएफआई पर लगाए प्रतिबंध न प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि यदि कोई सबूत है कि वह आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त है , आतंकवादी संस्थाओं से जुड़े हैं , तब पीएफआई हो या कोई भी संगठन, उन पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि इतने वर्षों से पीएफ़आई की गतिविधियाँ चल रही थी तो यह इंटेलिजेंस फ़ेल्यूअर है। आप इतने वर्षों से क्या कर रहे थे। आज यह सवाल सामने है ।

भोपाल। मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने पीएफआई पर लगाए प्रतिबंध न प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि यदि कोई सबूत है कि वह आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त है , आतंकवादी संस्थाओं से जुड़े हैं , तब पीएफआई हो या कोई भी संगठन, उन पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई होना चाहिए। उन्होंने केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा कि यदि इतने वर्षों से पीएफ़आई की गतिविधियाँ चल रही थी तो यह इंटेलिजेंस फ़ेल्यूअर है। आप इतने वर्षों से क्या कर रहे थे। आज यह सवाल सामने है ।

मेरा पूरा फोकस मप्र पर

मीडिया से बात करते हुए कमलनाथ ने कहा कि मैं पहले भी कह चुका हूं कि मैं मध्यप्रदेश नहीं छोड़ना चाहता हूँ , 12 माह बचे हैं और यदि मैं कोई जिम्मेदारी लेता हूं तो मेरा ध्यान मध्य प्रदेश से हटेगा।अभी मेरा पूरा फोकस सिर्फ़ मध्यप्रदेश पर है , मैं अपना ध्यान मध्यप्रदेश से हटाना नहीं चाहता। राष्ट्रीय अध्यक्ष के सवाल पर उन्होंने कहा कि मेरी खुद अशोक गहलोत से बात हुई है। उन्होंने कहा कि मैंने तो बैठक बुलाई थी, कुछ लोगों ने अनुशासनहीनता की है तो उनको शोकाज नोटिस जारी हो गए हैं। पर्यवेक्षकों ने अपनी रिपोर्ट दे दी है।

नड्डा का चयन कैसे हुआ

भाजपा द्वारा नई लीडरशिप तैयार करने के सवाल पर नाथ ने कहा कि मोदी जी से पूछना चाहिए कि वो नई लीडरशिप को आगे आने क्यों नहीं दे रहे है। येदियुरप्पा क्या नई लीडरशिप से आते है , नड्डा जी का चयन कैसे हुआ ,क्या चुनाव से हुआ ,अभी उनका एक्सटेंशन कैसे हुआ , किन लोगों ने तय किया , यह सच्चाई सभी के सामने है।

महाकाल विकास की योजना के प्रमाण फाइलों में

कमलनाथ ने कहा कि वे फाइलों में देख लें कि किसने इसमें शुरुआत की, बजट आवंटन किसने किया, किसने योजना बनाई, किसने बैठक की , सारे मिनट्स रिकोर्ड में है। कम से कम महाकाल की नगरी में भाजपा सरकार मुख्यमंत्री और मंत्रियों को गलत नहीं बोलना चाहिए।



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