कमलनाथ ने कहा- जब मैं केंद्रीय वाणिज्य मंत्री था तब पीथमपुर को दिया गया औद्योगिक क्षेत्र का दर्जा

कमलनाथ ने कहा- जब मैं केंद्रीय वाणिज्य मंत्री था तब पीथमपुर को दिया गया औद्योगिक क्षेत्र का दर्जा
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धार जिले के पीथमपुर नगरपालिका के चुनावों में कांग्रेस को मिली प्रचंड जीत के पश्चात नगर पालिका अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं पार्षदों के शपथ ग्रहण समारोह में पहुंचे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पत्रकारों से कहा कि जब मैं केंद्रीय वाणिज्य मंत्री था तब पीथमपुर को औद्योगिक क्षेत्र का दर्जा दिया गया। आज जिस तरह औद्योगिकीकरण होना था, आर्थिक गतिविधि होना थी, उस तरह नहीं हो पाई है। सारी स्थितियां चौपट हैं।

भोपाल। धार जिले के पीथमपुर नगरपालिका के चुनावों में कांग्रेस को मिली प्रचंड जीत के पश्चात नगर पालिका अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं पार्षदों के शपथ ग्रहण समारोह में पहुंचे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पत्रकारों से कहा कि जब मैं केंद्रीय वाणिज्य मंत्री था तब पीथमपुर को औद्योगिक क्षेत्र का दर्जा दिया गया। आज जिस तरह औद्योगिकीकरण होना था, आर्थिक गतिविधि होना थी, उस तरह नहीं हो पाई है। सारी स्थितियां चौपट हैं।

इन्वेस्टर्स समिट के 5 फीसदी प्रपोजल ही जमीन पर

कमलनाथ ने कहा कि 6 इंवेस्टर्स समिट हुईं, उनके आंकड़े यह हैं कि 760 प्रपोजल आए और जमीन पर केवल इसका 5 प्रतिशत ही उतर पाए। 30 लाख करोड़ की निवेश घोषणाएं हुईं, पर हुआ क्या? उन्होंने कहा कि इस तरह की नाटक-नौटंकी से निवेश नहीं आता। अपना प्रदेश 5 प्रदेशों से घिरा हुआ है, जिसको तमिलनाडु और केरल में अपना सामान बेचना है वह पंजाब और हरियाणा में अपना उद्योग क्यों लगाएगा? उसके लिए यह सुविधा है, यह इकॉनॉमिकल है कि वह मध्यप्रदेश में उद्योग लगाए पर उसको मध्यप्रदेश पर विश्वास होना चाहिए। निवेश विश्वास से आता है, प्रदेश के चेहरे से आता है।

एक करोड़ युवा बेरोजगार

कमलनाथ ने कहा कि निवेश और रोजगार की झूठी घोषणाओं के बावजूद आंकड़ा यह है कि पिछले साल प्रदेश में 90 लाख युवा बेरोजगार थे और इस साल एक करोड़ नौजवान बेरोजगार हैं सबसे बड़ी चुनौती हमारे नौजवानों का भविष्य है। बेरोजगार नौजवान आज तड़प रहा है कि उसे व्यवसाय का मौका मिले, उसके हाथों को काम मिले पर वर्तमान सरकार के पास इसकी कोई सोच नहीं है। यह विजन से होता है, टेलीविजन से नहीं। छह-सात महीने बचे हैं, भाजपा के पास केवल पुलिस, पैसा और प्रशासन है। ये खरीद-फरोख्त के लिए प्रशासनिक दबाव डालते हैं। मैं जानता हूं कि जनपद और पंचायतों के चुनाव में कितना प्रशासनिक दबाव था।


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