कमलनाथ की शिवराज पर टिप्पणी- 18 साल के मुख्यमंत्री मुझसे मांगते है 15 महीने का हिसाब

भोपाल। प्रदेेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा है कि 18 वर्ष के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मुझसे मेरे 15 महीने का हिसाब मांगते हैं, हमारे 15 महीने की गवाह जनता है। जनता सब समझ रही है। जनता भोली भाली है परंतु बहुत समझदार है उन्हें ज्यादा ज्ञान देने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि पार्टी के कुछ जिला अध्यक्षों के बारे शिकायतें प्राप्त हो रही हैं, इसलिए वहां की नियुक्ति होल्ड रखी गई है,जांच और पुनः अवलोकन करने के बाद निर्णय लेंगे।
कमलनाथ ने लगाए ये आरोप
कमलनाथ ने कहा कि वन और कोयला यह उमरिया जिले की पहचान थी,पर आज कोयला क्षेत्र की क्या हालत है। प्रदेश के विभिन्न जिलों से लोग रोजगार के लिए उमरिया आया करते थे, आज उमरिया में रोजगार के हालात खराब है, बड़े पैमाने पर लोग पलायन करने के लिए मजबूर है। वन भूमि के चार लाख पट्टे निरस्त कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में आज जुआ सट्टा चरम पर है शराब चरम पर है घर-घर में शराब यह, घर-घर में बेरोजगारी है भारतीय जनता पार्टी की उपलब्धि है, कांग्रेस की सरकार बनते ही कानून बनाकर ऑनलाइन जुए सट्टे पर रोक लगाएंगे। उन्होंने कहा कि मेरा लक्ष्य था कृषि क्षेत्र में क्रांति आए प्रदेश की 70 प्रतिशत अर्थव्यवस्था कृषि क्षेत्र पर आधारित है प्रथम चरण में 27लाख किसानों का कर्ज हमने माफ किया था दूसरा चरण शुरू होने के पहले ही षड्यंत्र से सरकार को गिरा दिया गया। हमारी सरकार की कर्ज माफी योजना के चलते कोई भी किसान डिफॉल्टर नहीं हुआ किसानों को भारतीय जनता पार्टी को इसके लिए दोष देना चाहिए कि उन्होंने कर्ज माफी योजना क्यों बंद की?
मैं किसी पद का आंकाक्षी नहीं
एक सवाल के जवाब में कमलनाथ ने कहा कि भावी मुख्यमंत्री को लेकर कोई भी कार्यकर्ता नारा लगाए मैं उसे रोक नहीं सकता, परंतु मैंने पहले भी कहा है कि मैं किसी भी पद का आकांक्षी नहीं हूं मेरा उद्देश्य मध्य प्रदेश के भविष्य को सुरक्षित रखना है। और उसके लिए किसी पद की आवश्यकता नहीं। उन्होंने कहा कि मैंने संविदा और आउटसोर्स कर्मचारियों की मांगों का हमेशा समर्थन किया है आज संविदा और आउटसोर्स में किसी भी प्रकार का आरक्षण नहीं दिया जा रहा, संविदा और ठेका श्रमिकों को न्यूनतम वेतन तक नहीं दिया जा रहा। आउट सोर्स ठेकेदार ऊपर तक कमीशन पहुंचाते हैं, नीचे तक भ्रष्टाचार का एक सिस्टम बना हुआ है प्रदेश में, पैसे दो काम लो की नीति चल रही है। मध्य प्रदेश में आज 3लाख50 हज़ार करोड़ से ज्यादा का कर्ज है यह कर्ज इसलिए लिया जा रहा है ताकि बड़े-बड़े ठेके दिए जा सके।
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