इंसानों के साथ भलाई की नियत रखना ही ईमान: मौलाना साद

73वें आलमी तब्लीगी इज्तिमा का फजिर से आगाज
पहले दिन चला तकरीरों का सिलसिला, नमाज जुमा भी की अदा
भोपाल। 73वें आलमी तब्लीगी इज्तिमा आगाज शुक्रवार को सुबह फजिर की नमाज के बाद राजस्थान से आए मौलाना चिराग उद्दीन साहब के बयान के साथ हुआ। ईंटखेड़ी-घासीपुरा में लाखों जमातियों के मजमे को खिताब करते हुए मौलाना ने फरमाया कि अल्लाह ने हमें जिस काम के लिए पहुंचाया है। उस काम से हम भटक गए हैं। उन्होंने हदीस और कुरआन की रोशनी में नसीहत देते हुए कहा कि अल्लाह के हुक्म और पैगंबर साहब के बताए रास्ते पर चलें। दिल्ली मरकज से आए मौलवी साद साहब कांधलवी ने मगरिब की नमाज के बाद बयान किया। हजरत ने कहा कि पड़ोसी से अच्छे ताल्लुक, सबके लिए मन में अच्छे ख्यालात और दुनिया के हर इंसान के लिए भलाई की नीयत रखना ही सही ईमान है। इंसान नमाज ओ इबादत के साथ समाज में बेहतर तस्वीर पेश कर खुद के लिए भी और अपने मजहब के लिए भी अच्छे संदेश दे सकता है।
इज्तिमा के पहले दिन शुक्रवार को इज्तिमागाह पर जुमा की नमाज अदा की गई। देशभर से आईं सैकड़ों जमातों में शामिल लाखों लोगों ने इसमें शिरकत की। पहले दिन ही लाखों की तादाद में लोग पहुंच गए हैं। जबकि अभी लोगों के पहुंचने का सिलसिला जारी है। शनिवार और रविवार की छुट्टी के चलते ये मजमा अगले दो दिन और बढ़ने की उम्मीद है। सोमवार को होने वाली दुआ के दिन तक इज्तिमा पहुंचने का सिलसिला जारी रहेगा।
खिदमत के लिए लगाए कैंप
राजधानी में खिदमत के लिए जगह-जगह कैंप लगाए गए हैं। भोपाल रेलवे स्टेशन, रानी कलापति रेलवे स्टेशन, नादरा बस स्टेंड, भोपाल टॉकीज, प्रभात चौराहा से इज्तिमागाह पर जाने वालों के लिए खिदमती कैंप लगाए गए हैं। जमातियों को यहां से मुफ्त में ट्रकों, बसों, जीपों और अन्य साधनों से उन्हें इज्तिमा स्थल तक पहुंचाया जाता है। इस मार्ग पर चलने वाले कई आॅटो, आपे और इलेक्ट्रिक आॅटो ने भी जमातों के लिए किराया फ्री कर दिया है।
पांच हजार वॉलिटियर्स ने संभाला ट्रैफिक
तब्लीगी जमाअत के करीब पांच हजार बॉलिटियर्स ट्रैफिक व्यवस्था को बनाने में दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। शुक्रवार को लाखों लोगों के इज्तिमा स्थल पहुंचने के बाद भी कहीं भी ट्रैफिक जाम के हालात नहीं बने। वॉलिटियर्स का यह जज़्बा देख पुलिस भी उनसे सबक ले रही है। लाखों लोगों के बाद भी किसी तरह की कोई अव्यवस्था नहीं है।
90 साल के शमशुद्दीन 55वीं बार पहुंचे इज्तिमा
मथुरा निवासी शमसुद्दीन पेशे से कारोबारी है। उनका कहना है कि वह 55 साल से लगातार जमातों और इज्तिमा का हिस्सा बन रहे हैं। घर के सुकून से ज्यादा जमातों में रहने वाले 90 वर्षीय शमसुद्दीन महीने में तीन दिन, साल में चालीस दिन जमात में आवश्यक रूप से जाते हैं। इसके अलावा वे कई बार चार महीने की जमात में भी कई बार जा चुके हैं। बारह साल के आसिम अहमद पहली बार इज्तिमा में शामिल होने पहुंचे हैं। अपने वालिद बशीर अहमद के साथ इज्तिमागाह भी पहुंचे। लेकिन ये पहला मौका है, जब वे पूरे तीन दिन की जमात के साथ इज्तिमा में पहुंचे हैं।
सजने लगा बाजार हमीदिया पर बाजार
ताजुल मसजिद परिसर में इज्तिमा आयोजन के दौर से जारी व्यापारिक मेले की परंपरा अब भी जारी है। गरीब नवाज मार्केट के नाम से मशहूर ये बाजार गर्म कपड़ों, मुरादाबादी बर्तन, हैंडलूम आइटम्स और खानपान के लिए जाना जाता है। ये बाजार इज्तिमा दुआ के बाद 22 नवंबर से शुरू होगा। जो करीब दो माह तक चलेगा।
इज्तिमागाह पर नमाज का वक्त
फजिर - 06.05
जोहर - 2.15
असर - 4.30
मगरिब - 5.39
इशां - बयान के बाद
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