14 अप्रैल को खत्म होंगे खरमास: अभी लगी रहेगी विवाहों पर रोक, 29 को गुरु का उदय के बाद शुरू होगी शादियां

14 अप्रैल को खत्म होंगे खरमास: अभी लगी रहेगी विवाहों पर रोक, 29 को गुरु का उदय के बाद शुरू होगी शादियां
X

भोपाल। एक माह से चल रहा खरमास 14 अप्रैल को समाप्त हो जाएगा। गुरु के अस्त होने के बाद शादियों की शुभ तिथियां नहीं रहेगी। गुरु अस्त के बीच अक्षय तृतीया 22 अप्रैल को रहेगी। अक्षय तृतीया पर सौभाग्य समेत सात शुभ योगों का संयोग रहेगा। पंडित विष्णु राजौरिया और पंडित रामजीवन दुबे के अनुसार 15 मार्च से मीन के सूर्य खरमास के कारण विवाह बंद हो गए थे। खरमास 14 अप्रैल को समाप्त हो रहे है। 21 मार्च से गुरु अस्त चल रहे है। गुरु का उदय 29 अप्रैल को होगा। इसके बाद ही विवाह समारोह की शुभ तिथियां रहेगी। देवशयनी एकादशी 29 जून से देवउठनी एकादशी 23 नवंबर तक चार माह के लिए फिर विवाह बंद हो जाएंगे। पंडित आलोक उपाध्याय के अनुसार गुरु अस्त होने पर विवाह समारोह की शुभ तिथि नहीं निकलती है। अबूझ मुहूर्त में विवाह किए जा सकते है। गुरु सानिध्य ज्योतिष संस्थान के ज्योतिषाचार्य आचार्य प्रधान ने बताया कि शास्त्र के अनुसार विवाह की तिथि में गुरु व शुक्र का उदित होना जरूरी है। इसलिए अक्षय तृतीया पर गुरु अस्त होने से विवाह की तिथि नहीं है। हालांकि कई लोग अबूझ मुहूर्त के कारण विवाह के बंधन में बंध जाते हैं।

अक्षय तृतीया पर यह रहेंगे योग

आचार्य प्रधान ने बताया कि अक्षय तृतीया 22 अप्रैल को रहेगी। इस दिन आयुष्मान योग, सौभाग्य योग, त्रिपुष्कर योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग, अमृत सिद्धि योग के साथ चंद्रमा अपनी उच्च राशि वृषभ में होगा। ऐसे में इस दिन चांदी खरीदना बहुत शुभ फलदायी होगा। चांदी का हाथी, आभूषण खरीदने से घर में बरकत बनी रहेगी।

अक्षय तृतीया पर गुरु का तारा अस्त

अक्षय तृतीया 22 अप्रैल पर गुरु का तारा अस्त रहेगा। शास्त्रानुसार गुरु व शुक्र के तारे के अस्तोदय स्वरूप में रहते विवाह मुहूर्त नहीं बनता है। इस बार अक्षय तृतीया पर गुरु के तारे के अस्तोदय स्वरूप में रहने से श्रद्धालुओं में संशय की स्थिति की बनी हुई है कि इस वर्ष अक्षय तृतीया पर विवाह मुहूर्त बनेगा या नहीं?

विवाह समारोह की हर तिथि शुभ नहीं

ज्योतिष शास्त्र में सूर्य, मेष, वृष, मिथुन, वृश्चिक, मकर, कुंभ के सूर्य में शादी के शुभ मुहूर्त देते हैं। इन 6 माह में शादियां होती हैं। वर को सूर्य, चंद्र शुभ देखा जाता हैं। वधु को गुरू, चंद्र शुभ देखकर रेखा लग्न बल देकर शादी की तारीख दी जाती है। कर्क, सिंह, कन्या, तुला के सूर्य में चातुर्मास एवं धनु एवं मीन के सूर्य में खरमास के कारण शादियां बंद रहतीं हैं।

अक्षय तृतीया साढ़े तीन अबूझ मुहूर्त में है

सनातन धर्म में साढ़े तीन मुहूर्त को अबूझ मुहूतज् की मान्यता दी गई है। जिनमें किसी भी प्रकार के अन्य मुहूर्त पर विचार किए बिना ही विवाह जैसे शुभ व मांगलिक कार्य संपन्न किए जा सकते हैं। शास्त्रानुसार ये साढ़े तीन मुहूर्त हैं नववषज् प्रतिपदा, विजयादशमी, अक्षय तृतीया एवं कार्तिक शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा का अर्द्धभाग। ये सभी तिथियां स्वयंसिद्ध मुहूर्त की श्रेणी में आती हैं। अत: इन तिथियों अन्य किसी मुहूर्त पर विचार किए बिना ही शुभ एवं मांगलिक कार्य जैसे विवाह, मुंडन, नामकरण, व्रत उद्यापन, गृहप्रवेश आदि संपन्न किए जा सकते हैं।

शुभ विवाह की तिथियां

अप्रैल: 30।

मई: एक, दो, तीन, चार, पांच, छह, सात, आठ, नौ, 10, 11, 15, 16, 20, 21, 22, 26, 27, 28, 29, 30, 31।

जून: एक, तीन, चार, पांच, छह, सात, 11, 12, 13, 22, 23, 25, 26, 27, 28,

नवंबर: 24, 27, 28, 29।

दिसंबर: तीन, चार, पांच, छह, सात,नौ, 10, 13, 14, 15।

Tags

Next Story