Khushi Lal Ayurvedic Hospital Bhopal : खुशीलाल आयुर्वेदिक में पंचकर्म की बड़ी डिमांड पांच देशों से आए टूरिस्ट और एनआरआई

Khushi Lal Ayurvedic Hospital Bhopal : खुशीलाल आयुर्वेदिक में पंचकर्म की बड़ी डिमांड पांच देशों से आए टूरिस्ट और एनआरआई
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राजधानी के पंडित खुशीलाल आयुर्वेद अस्पताल में पंचकर्म कराने वालों में प्रदेश के ही नहीं, देश-विदेश टूरिस्ट और एनआरआई भी शामिल है।

भोपाल। राजधानी के पंडित खुशीलाल आयुर्वेद अस्पताल में पंचकर्म कराने वालों में प्रदेश के ही नहीं, देश-विदेश टूरिस्ट और एनआरआई भी शामिल है। पंचकर्म की डिमांड इतनी बढ़ गई है कि खुशीलाल अस्पताल में जनवरी 2024 तक बुकिंग फुल हो गई है। देश व विदेश से लोग पंडित खुशीलाल शर्मा आयुर्वेदिक कॉलेज में पंचकर्म और वेलनेस सेंटर आ रहे हैं। अब तक यहां साढ़े आठ हजार लोग लाभ ले चुके हैं। जिसमें पांच देशों से आए टूरिस्ट व एनआरआई शामिल हैं। प्रबंधन का कहना है कि लोग सर्दियों को पंचकर्म के लिए ज्यादा पसंद करते हैं। वहीं दिसंबर-जनवरी में विंटर वैकेशन व कई छुट्टियां होती हैं, जिसके कारण यहां दो से तीन महीनों की वेटिंग है।

सात नए थैरेपिस्ट की नियुक्ति

पंचकर्म में वेटिंग को देखते हुए हाल ही में सात नए थेरेपिस्ट की नियुक्ति किए गए हैं। साथ ही यह प्रक्रिया लगातार जारी है। वर्तमान में थेरेपिस्ट की संख्या 15 है, जिसके साथ 80 फीसदी बेड पर बुकिंग हो रही है। आगे इसे 100 फीसदी तक पहुंचाने के लिए 7 अतिरिक्त थेरेपिस्ट की जरूरत है। पंचकर्म व वेलनेस सेंटर में कुल 50 बेड हैं।

सीटी स्कैन भी नवंबर से

सरकारी सेंटर में पंचकर्म कराने वाले मरीजों को अब सीटी स्कैन की सुविधा भी मिलेगी। आयुर्वेद महाविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. नितिन उज्जलिया बताते हैं कि पंचकर्म से पहले मरीजों की जांच की जाती है। जांच के आधार पर पंचकर्म का ट्रीटमेंट तैयार होता है।

अब तक ब्लड रिपोर्ट, एक्सरे और अन्य जांच रिपोर्ट अध्ययन कर इलाज किया जा रहा था। सीटी स्कैन सुविधा आने से मरीजों के लिए और सुविधा मिलेगी।

इन रोगों के आए अधिक मरीज

- न्यूरो मस्क्यूलर रोग

- सांधि रोग

- त्वचा रोग

- स्थोल्य

- मानसिक रोग

- डीलक्स के साथ योगा और फिजियोथैरेपी की सुविधा

पंचकर्म के लोग पांच से नौ दिन तक रुकते हैं। इसके चलते यहां बुकिंग के लिए लंबी वेटिंग रहती है। जिसमें डीलक्स रूम की फैसिलिटी, पंचकर्म, डाईट, योगा, फिजियोथैरेपी और अन्य चीजें शामिल हैं। सात दिन रुकने पर 30 हजार से अधिक खर्च आता है।

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