CHHATARPUR; BJP को फिर लगा तगड़ा झटका, किसान मोर्चा उपाध्यक्ष कमलेश कुशवाहा ने छोड़ा पार्टी का साथ, लगाएं प्रताड़ना के आरोप

CHHATARPUR; BJP को फिर लगा तगड़ा झटका, किसान मोर्चा उपाध्यक्ष कमलेश कुशवाहा ने छोड़ा पार्टी का साथ, लगाएं प्रताड़ना के आरोप
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बता दें कि महाराजपुर विधानसभा के नौगांव में जनपद सदस्य पति कमलेश कुशवाहा ने सैकड़ों महिलाओं के साथ आज टीबी अस्पताल चौराहे पर बैठकर धरना दिया और भाजपा से इस्तीफा दे दिया है। इस दौरान कमलेश कुशवाहा ने बीजेपी पर गंभीर आरोप भी लगाए है।

छतरपुर : मध्यप्रदेश में चुनाव का समय नज़दीक आता देख कांग्रेस और बीजेपी पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रचार प्रसार के कार्य में जुट गए है। तो वही दूसरी तरफ दोनों पार्टियों में अभी भी दलबदल का दौर जारी है। इसी के चलते बीजेपी पार्टी के एक और वरिष्ठ नेता ने भाजपा का दामन छोड़ दिया है। बता दें कि महाराजपुर विधानसभा के नौगांव में जनपद सदस्य पति कमलेश कुशवाहा ने सैकड़ों महिलाओं के साथ आज टीबी अस्पताल चौराहे पर बैठकर धरना दिया और भाजपा से इस्तीफा दे दिया है। इस दौरान कमलेश कुशवाहा ने बीजेपी पर गंभीर आरोप भी लगाए है।

कमलेश कुशवाहा ने पार्टी से दिया इस्तीफा

बता दें कि छतरपुर जिले की महाराजपुर विधानसभा के नौगांव में गुरुवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की जनसभा हुई। जिसके कुछ ही दूरी पर टीबी अस्पताल और चौराहे पर सैकड़ों महिलाओं को एकत्रित करते हुए भाजपा के पदाधिकारी और किसान मोर्चा उपाध्यक्ष कमलेश कुशवाहा ने भाजपा से अपना इस्तीफा दे दिया है। इस दौरान कमलेश ने पार्टी के प्रति नाराजगी जताते हुए कहा कि मैं किसान मोर्चा मे जिला उपाध्यक्ष के पद पर गत तीन वर्ष से हूं और इस पद पर रहकर पार्टी का प्रचार-प्रसार पूरे तन, मन, धन से किया है। लेकिन पार्टी ने मेरा लिए कुछ नहीं किया।

पूर्व विधायक मानवेन्द्र सिंह पर लगाए प्रताड़ना के आरोप

इसके साथ ही कमलेश कुशवाहा ने भाजपा के जिला अध्यक्ष मलखान सिंह और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा सहित पार्टी प्रत्याशी कामख्या प्रताप सिंह और उनके पिता पूर्व विधायक मंत्री मानवेन्द्र सिंह पर प्रताड़ना के आरोप लगाए हैं। कमलेश कुशवाह ने भाजपा अध्यक्ष मलखान सिंह पर प्रताड़ना के आरोप लगाए हैं। बता दें कि जहां पार्टी द्वारा नाराज नेताओं को मानाने का सिलसिला जारी है। तो वही पार्टी के नेताओं ने एक बार फिर से बीजेपी के खिलाफ बगावती सुर तेज कर दिए है। अब देखना ये है कि इस बगावत का चुनाव में कितना असर पड़ता है।

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