जानिए क्यों जरूरी है, आयुष डॉक्टरों का आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन में पंजीयन

भोपाल। स्वास्थ्य सेवाओं को सीधे जनता तक पहुंचाने और डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से केंद्रीय आयुष मंत्रालय व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सहमति पर प्रदेश समेत देशभर के आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी - आयुष डॉक्टरों को अब केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन हेल्थकेयर ( एबीडीएम) के तहत पंजीयन कराना जरूरी हो गया है!
मप्र में आयुष के 57 कालेज
भोपाल, ग्वालियर, रीवा, उज्जैन, इंदौर, बुरहानपुर, जबलपुर समेत विभिन्न शहरों में आयुष के 57 मान्यता प्राप्त कॉलेज हैं, जिनसे डिग्री किये हुये 44 हजार से ज्यादा आयुष चिकित्सक हैं! साथ ही दो हजार से ज्यादा चिकित्सा शिक्षक भी हैं, जिन्हें अब एबीडीएम में पंजीयन कराना जरूरी है! पंजीयन के बाद सीधे तौर पर ये चिकित्सक टेलीमेडिसिन व ऑनलॉइन परामर्श हेतु जनमानस के लिये उपलब्ध रहेंगे! आयुष चिकित्सक https://ndhm.gov.in पर आयुष भारत डिजिटल मिशन पोर्टल पर जाकर जानकारी ले सकते हैं! बिना पंजीयन के प्रदेश समेत देशभर के आयुष चिकित्सा शिक्षकों की टीचर्स प्रोफाइल अधूरी मानी जावेगी! डॉ पाण्डेय ने बताया कि भारतीय चिकित्सा पद्दति राष्ट्रीय आयोग नईदिल्ली ने प्रदेश समेत देशभर के आयुर्वेद कॉलेजों के निरीक्षण से पहले संस्थान की पूरी जानकारी ऑनलाइन बुलाने के लिये पार्ट -1 पोर्टल खोल दिया है , जिसके लिये भी यह पंजीयन अनिवार्य है!
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