कुशाभाऊ महापुरुष, मैं उनके पैर छूता था, इसलिए कह रहा हूं कि उनके नाम को बदनाम न करे भाजपा : डॉ. सिंह

भोपाल। मप्र विधानसभा ( MP Assembly ) में बजट सत्र ( Budget session ) के दौरान गुरुवार को कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक ( Senior MLA ) डॉ गोविंद सिंह ( Dr. Govind Singh ) ने भाजपा ( BJP ) के समर्पण निधि संग्रह अभियान को लेकर सवाल उठाए। डॉ गोविंद सिंह ने कहा कि कुशाभाऊ ठाकरे महापुरुष थे, उनके नाम पर सरकारी अधिकारी व कर्मचारियों से जबरन चंदा वसूली की जा रही है। भाजपा ऐसे महापुरुषों के नाम को बदनाम न करे। डॉ गोविंद सिंह ने कहा कि मैं ये बात इसलिए कह रहा हूं कि मैं एक दो लोगों के ही पैर छूता था, उनमें ठाकरे भी एक थे। मैं उनका बहुत सम्मान किया।
डॉ गोविंद सिंह के इस बयान के बाद सदन में मंत्री विश्वास सारंग ने विरोध करते हुए कहा कि यह भाजपा का आंतरिक कार्यक्रम है। इस मुद्दे को सदन में सिर्फ राजनीति करने के लिए उठाना ठीक नहीं है। सारंग ने कहा कि आप सिर्फ हवा हवाई बातें न करें आपके पास कोई तथ्य हैं तो बात करें। इस पर डॉ गोविंद सिंह ने कहा कि मैं कोई ऐसे ही नहीं कह रहा हूं। अफसरों के वीडियो वायरल हुए हैं अखबारों में समाचार भी छपे हैं। इस पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि डॉ कुशाभाऊ ठाकरे दलगत राजनीति से परे थे। ऐसे महापुरुष का सबने सम्मान किया। उनके जन्म शताब्दी वर्ष में पार्टी ने अनेक तरह के कार्यक्रम आयोजित किए। उनमें से एक कार्यक्रम समर्पण निधि भी था, जो स्वेच्छा से था। हमारे कार्यकर्ता संपर्क करने सबके पास गए। लेकिन कोई टारगेट फिक्स नहीं किया गया। कार्यकर्ता विनम्रता पूर्वक संपर्क कर रहे हैं। इसके बाद मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया ने डॉ गोविंद सिंह से कहा कि आप कुशाभारऊ ठाकरे का बहुत आदर करते हैं, यह बहुत प्रसन्नता की बात है। अब मैं आपके घर आऊंगा सहयोग राशि मांगने। इस पर गोविंद सिंह ने कहा कि अच्छे काम करोगे तो हम जरूर सहयोग करेंगे। चर्चा में विधायक कमलेश्वर सिंह, उमाकांत शर्मा, बहादुर सिंह चौहान आदि ने भी हिस्सा लिया।
नामांतरण, बंटवारे न होने से किसान परेशान -
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री डॉ गोविंद सिंह ने गुरुवार को विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान राजस्व विभाग के अफसरों की मनमानी का मुद्दा उठाया। डॉ सिंह ने कहा कि नामांतरण और बंटवारे के प्रदेश भर में कई हजार प्रकरण पेंडिंग पड़े हुए हैं। किसान और आम नागरिक चक्कर लगा - लगा कर परेशान हैं। उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। उन्होंने सरकार से बंटवारे व नामांतरण के प्रकरणों का जल्द निराकरण किए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग के अफसरों की मनमानी से किसान परेशान हैं। उनक नामांतरण, बंटवारे के प्रकरण निराकरण नहीं हो रहे हैं। रिकार्ड अपडेट न करने से किसानों को कई कामों में समस्या आ रही है। पटवारी, तहसीलदार अपनी मनमानी पर उतारू है। राजस्व विभाग में नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है, हजारों प्रकरण पेंडिंग हैं।
तेंदूपत्ता संग्रहण में हो रही धांधली -
कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक लक्ष्मण सिंह ने सदन में लघु वनोपज के अंतर्गत तेंदूपत्ता संग्रहण में बड़े पैमाने पर धांधली का मुद्दा उठाया। सिंह ने कहा कि तेंदूपत्ता में एक हजार करोड़ रुपये का व्यवसाय है। लेकिन उसमें इतनी धांधली हो रही है, जितनी पहले कभी नहीं हुई। इसके लिए नीति में परिवर्तन किए जाने की जरूरत है। सिंह ने तेंदूपत्ता को फारेस्ट शेड्यूल से निकालकर मजदूरों के लिए ओपन करने की बात कही, जिससे वे इसका संग्रहण, भंडारण कर सकें। इससे उनको लाभ होगा।
पांच लाख बच्चे कुपोषित -
सदन में विधायक लक्ष्मण सिंह ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछले 15 साल से आपकी सरकार है, लेकिन आपके वित्त मंत्री ने जो आर्थिक सर्वेक्षण जारी किया है, उसमें स्पष्ट है कि लगभग पांच लाख कुपोषित बच्चे प्रदेश में हैं। यह बहुत शर्मनाक स्थिति हैं। इसमें सरकार गंभीरता पूर्वक कुपोषण मिटाने उपाय करे।
प्रदेश से बाहर चारा-भूषा जाने पर लगे रोक -
विधायक लक्ष्मण सिंह ने कहा कि गौशालाओं में गायों की मौत हो रहीं हैं। गायों के लिए चारा-भूषा की व्यवस्था नहीं है, चारे के लिए जमीन नहीं बची है। ऐसे में प्रदेश के बाहर चारा - भूषा जाने पर रोक लगाना चाहिए। नहीं तो प्रदेश में गौ माताओं की मौत होगी। उन्होंने राशन दुकानों के भ्रष्टाचार का मुद्दा भी उठाया और सीएम की प्रशंसा करते हुए कहा कि एक जगह वे स्वयं गए और भ्रष्टाचार कर्मचारियों को सस्पेंड भी किया, लेकिन बाकी प्रदेश की स्थिति में भी सुधार की जरूरत है। उन्होंने कहा गुना में भी बहुत भ्रष्टाचार राशन दुकानों पर हो रहा है।
नहीं तो डूब जाएगा पन्ना नेशनल पार्क -
कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक लक्ष्मण सिंह ने केन - बेतवा लिंक परियोजना पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस परियोजना पर जो दोधन में बांध बनाया जा रहा है, उससे पन्ना नेशनल पार्क डूब जाएगा। उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से अनुरोध किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करके इस बांध को पवई के निकट स्थान पर बनवाने स्थल परिवर्तन करवाएं।
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