lakshmi Pujan Shubh Muhurat : ये दिवाली .........मान-सम्मान, यश, शुभता, शांति व धन में वृद्धि करने वाली

भोपाल। मां चामुंडा दरबार के पुजारी पंडित रामजीवन दुबे गुरुजी ने बताया कि इस बार दीपावली पर 500 साल बाद विशेष पांच राजयोग गजकेसरी, हर्ष, उभयचरी, काहल और दुर्धरा रहेगा। जो राजयोग का निर्माण करने वाले ग्रह शुक्र, बुध, चंद्रमा और गुरु की स्थिति के कारण बन रहा है। इसमें गजकेसरी योग बहुत ही शुभकारी है। जो आपको मान, सम्मान और लाभ दिलाने वाला होता है। वहीं, हर्ष योग धन में वृद्धि और यश दिलाता है, जबकि बाकी काहल ,उभयचरी और दुर्धरा योग शुभता और शांति दिलाता है। वहीं कई सालों बाद दीपावली पर दुर्लभ संयोग भी देखने को मिलेगा जब शनि अपनी स्वयं की राशि कुंभ में विराजमान होकर शश महापुरुष राजयोग का निर्माण करेंगे। साथ में आयुष्मान, सौभाग्य और महालक्ष्मी योग भी बन रहा है।
लक्ष्मी पूजन के ये हैं मुहूर्त
गुरुजी ने बताया कि रविवार को अमावस्या तिथि दोपहर 2:18 बजे से शुरू होगी, यह पूरी रात्रिकाल तक रहेगी। प्रदोष काल में लक्ष्मी पूजा के वक्त पांच राजयोग रहेंगे। महा माया लक्ष्मी पृथ्वी मंडल पर सायंकाल 5:36 बजे से रात्रि काल 2:09 बजे तक विराजमान होकर भ्रमण करेंगी। महालक्ष्मी पूजन के लिए कुल तीन मुहूर्त शास्त्र के अनुसार बताए गए हैं। पहला वाणिज्यिक प्रतिष्ठान में यदि दिन में लक्ष्मी पूजन करना है तो स्थिर लग्न कुंभ दोपहर 12:49 बजे से 2:20 बजे के बीच किया जाएगा। दूसरा सर्वोत्तम प्रदोष काल मुहूर्त सायं 5:30 से लेकर रात 11:23 बजे के मध्य किया जाएगा। पं. दुबे ने बताया कि ब्रह्म पुराण में प्रदोष काल में लक्ष्मी पूजन का सर्वाधिक महत्व है। तीसरा मुहूर्त महानिशा में पूजा करने के लिए स्थिर लग्न सिंह का समय रात के 11:49 बजे से रात के 2:09 बजे के बीच किया जाएगा।
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