नेता प्रतिपक्ष डॉ सिंह ने कर्मचारियों से जुड़े किस आदेश के लिए कहा- भाजपा सरकार इस पर अमल करे, लगाया यह भी आरोप

नेता प्रतिपक्ष डॉ सिंह ने कर्मचारियों से जुड़े किस आदेश के लिए कहा- भाजपा सरकार इस पर अमल करे,  लगाया यह भी आरोप
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विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने प्रदेश की भाजपा सरकार से कमलनाथ सरकार के कार्यकाल में जारी एक आदेश पर अमल की मांग की है। उन्होंने कहा है कि कमलनाथ सरकार ने आईएएस, आईपीएस एवं राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को जिस प्रकार से उच्च पद पदस्थ करने के लिए क्रमोन्नति दी जाती है, उसी तरह प्रदेश के शासकीय कर्मचारियों, अधिकारियों को भी उच्च पद पर पदस्थ करने के लिए क्रमोन्नति देने का आदेश 09 मार्च 2020 को जारी किया था। उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान भाजपा सरकार ने उक्त आदेश का पालन नहीं कर रही है।

भोपाल। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने प्रदेश की भाजपा सरकार से कमलनाथ सरकार के कार्यकाल में जारी एक आदेश पर अमल की मांग की है। उन्होंने कहा है कि कमलनाथ सरकार ने आईएएस, आईपीएस एवं राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को जिस प्रकार से उच्च पद पदस्थ करने के लिए क्रमोन्नति दी जाती है, उसी तरह प्रदेश के शासकीय कर्मचारियों, अधिकारियों को भी उच्च पद पर पदस्थ करने के लिए क्रमोन्नति देने का आदेश 09 मार्च 2020 को जारी किया था। उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान भाजपा सरकार ने उक्त आदेश का पालन नहीं कर रही है।

सिर्फ पुलिस विभाग में लागू हुआ आदेश

डॉ सिंह ने कहा है कि उक्त आदेश केवल पुलिस विभाग में ही लागू किया गया है। अन्य विभागों के अधिकारी, कर्मचारियों को क्रमोन्नति के लाभ से भाजपा सरकार ने वंचित कर उनके साथ अन्याय किया है। डॉ. सिंह ने कहा कि विगत 6 वर्षो में लगभग 62 हजार से अधिक अधिकारी, कर्मचारी बिना क्रमोन्नति के सेवानिवृत्त हो चुके हैं।

वकीलों की फीस पर खर्च हो चुके 10 करोड़

गोविंद सिंह ने कहा कि इस मामले में सरकार हाईकोर्ट एवं सर्वोच्च न्यायालय में लगभग 10 करोड़ की राशि केवल फीस में खर्च कर चुकी है। स्वीकृत लाखों पद लंबे समय से रिक्त पड़े हैं, जिन्हें भरने के लिए खोखली घोषणाएं की जाकर बेरोजगारों को गुमराह किया जा रहा है। डॉ. सिंह ने भाजपा सरकार को कर्मचारी विरोधी करार देते हुये कहा कि कर्मचारियों को पूर्व में दिए गए डीए का एरियर्स सरकार डकार गई है, पेंशनरों को समुचित लाभ नहीं दिया है। पुरानी पेंशन बहाली की दिशा में सरकार चुप्पी साधे हुए है।

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