एयरपोर्ट की तरह अब रानी कमलापति रेलवे स्टेशन में मिलेंगी सुविधाएं, प्रधानमंत्री मोदी ने किया लोकार्पण

एयरपोर्ट की तरह अब रानी कमलापति रेलवे स्टेशन में मिलेंगी सुविधाएं, प्रधानमंत्री मोदी ने किया लोकार्पण
X
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भोपाल में जनजातीय गौरव सम्मेलन के बाद विश्वस्तरीय रानी कमलापति रेल्वे स्टेशन का लोकापर्ण किया। उन्होंने कहा कि यहां अब लोगों को एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं मिलेंगी। इस स्टेशन का नाम पहले हबीबगंज रेल्वे स्टेशन था।

भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भोपाल में जनजातीय गौरव सम्मेलन के बाद विश्वस्तरीय रानी कमलापति रेल्वे स्टेशन का लोकापर्ण किया। उन्होंने कहा कि यहां अब लोगों को एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं मिलेंगी। इस स्टेशन का नाम पहले हबीबगंज रेल्वे स्टेशन था। लोकार्पण से पहले मोदी ने रेल्वे स्टेशन का अवलोकन किया। इस अवसर पर उन्होंने रेल्वे की अन्य योजनाओं का भी लोकार्पण किया। इस अवसर पर केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, राज्यपाल मंगूभाई पटेल एवं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उपस्थित थे।

गोंडवाना के गौरव से रेल का गौरव जुड़ा

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि गोंडवाना के गौरव से आज भारतीय रेल का गौरव भी जुड़ गया है। भोपाल के लिए आज का दिन महत्वपूर्ण। आज मध्य प्रदेश के भोपाल में रानी कमलापति रेलवे स्टेशन के रूप में देश का पहला आईएसओ सर्टिफाइड देश का पहला पीपीपी मॉडल आधारित रेलवे स्टेशन देश को समर्पित किया गया है। मोदी ने कहा कि जो सुविधाएं कभी एयरपोर्ट पर मिला करती थी वह आज रेलवे स्टेशन में मिल रही हैं। आधुनिक सुविधाएं बेहतरीन खाना-पीना शॉपिंग कंपलेक्स म्यूजियम गेमिंग जोन हॉस्पिटल स्मार्ट पार्किंग ऐसी हर सुविधा यहां विकसित की जा रही है।

सामान्य टैक्सपेयर का ऐसी सुविधाओं की उम्मीद

मोदी ने कहा कि देश के मध्यम वर्ग के सामान्य टैक्सपेयर को ऐसी ही सुविधाओं की हमेशा उम्मीद रही है। वीआईपी कल्चर से आम आदमी को जोड़ने का यही मॉडल है। उन्होंने कहा कि पौने दो सौ से अधिक रेलवे स्टेशनों का कायाकल्प किया जा रहा है। इस स्टेशन की भोपाल मेट्रो से कनेक्टिविटी होगी। इमारत पर्यावरण के अनुकूल है। यह अपने तरीके का अनोखा रेल्वे स्टेशन है।

पुराने प्रोजेक्ट शुरू करने का प्रयास

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि प्रोजेक्ट समय से पूरे होना चाहिए। मैं समीक्षा करता हूं तो पता चलता है कि कई प्रोजेक्ट तीस-पैंतीस साल से चल रहे हैं। 40 साल पहले घोषित रेलवे के कामों को मैंने शुरू किया। रेल्वे इन्फ्रस्ट्रक्चर के विकास का लाभ किसानाें, छात्रों, व्यापारियों सहित सभी वर्गों को होता है। 75 नई वंदे मातरम ट्रेन चलाने के प्रयास, हम बड़े लक्ष्यों की ओर काम कर रहें हैं।


Tags

Next Story